Friday, Apr 26 2024 | Time 00:20 Hrs(IST)
image
राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़


महात्मा गांधी के लिए आईं बकरियों को ही लोगों ने खिलाने शुरु कर दिए मेवे

खंडवा, 30 सितम्बर (वार्ता) मध्यप्रदेश के निमाड़ अंचल का खंडवा उन चुनिंदा शहरों में शामिल है, जहां के लोगों को महात्मा गांधी के दो बार दर्शन हुए।
इस अंचल में महात्मा गांधी के प्रति श्रद्धा का आलम ये था कि उनके आगमन के पहले उनके लिए दूध की व्यवस्था के उद्देश्य से स्थानीय लोगों ने जो बकरियां बांधी, लोग श्रद्धा भाव से उन्हें ही मेवे खिलाने लगे। महात्मा गांधी यहां पहली बार 29 सितम्बर 1929 को पंजाब मेल से दिल्ली जाने के दौरान आए और उसके बाद नौ दिसंबर 1933 को वे यहां रुके और जनसभा को संबोधित किया।
महात्मा गांधी का खंडवा में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्वर्गीय रायचंद नागड़ा से संपर्क रहा। जिला कांग्रेस के तत्कालीन महामंत्री रायचंद नागड़ा के आमंत्रण पर गांधीजी ने यहां आना स्वीकार किया। वे 9 दिसंबर 1933 को यहां आये। वे उस समय राष्ट्रव्यापी दौरे पर निकले थे। उस दौरान खंडवा में सफाईकर्मियों की हड़ताल पर उन्होंने स्वयं शहर में शौचालय साफ़ करने में कोई गुरेज़ नहीं किया।
यहाँ गांधीजी के आगमन के पूर्व उनके सचिव महादेव भाई देसाई ने पत्राचार से बापू के खान-पान के बारे में विस्तार से बता दिया था। उनके लिए खास तौर पर बकरी के दूध का इंतज़ाम करने के लिए कुछ दिन पूर्व ही चार-पांच बकरियां घर पर बांध दी गई थीं। जब लोगों को पता चला कि इन्ही बकरियों का दूध महात्मा गांधी पीने वाले हैं तो लोग श्रद्धा भाव से इन बकरियों को ही काजू-किशमिश, बादाम आदि खिलाने लगे।
सं गरिमा
वार्ता
image