Friday, Apr 19 2024 | Time 11:23 Hrs(IST)
image
राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़


महिलाओं को त्वरित न्याय दिलाने परिपत्र जारी

भोपाल, 09 अक्टूबर (वार्ता) मध्यप्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा एवं पीडित महिलाओं को त्‍वरित न्‍याय दिलाने के लिए पुलिस मुख्‍यालय द्वारा एक बड़ा फैसला लिया गया, जिसमें पुलिस महानिदेशक विजय कुमार सिंह ने सभी क्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षकों को एक परिपत्र जारी किया है।
पुलिस के आधिकारिक सूत्रों के अनुसार महिलाओं के खिलाफ घटित होने वाले अपराधों की विवेचना समय सीमा में पूरी करने के निर्देश इस परिपत्र के जरिए दिए गए हैं। डीजीपी श्री सिंह ने विवेचना में अनावश्‍यक देरी करने एवं लापरवाही बरतने वाले पुलिस अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जाँच करने एवं उन्‍हें दंडित करने के निर्देश भी इसी परिपत्र में जारी किए हैं। उन्‍होंने विवेचनाधीन प्रकरणों की तत्‍परता से विवेचना पूर्ण कर न्‍यायालय से निराकरण कराने पर बल दिया है।
पुलिस महानिदेशक ने परिपत्र में जिक्र किया है कि महिलाओं के खिलाफ घटित होने वाले यौन अपराधों के प्रकरणों में दो माह की अ‍वधि में विवेचना पूर्ण करने का वैधानिक प्रावधान है। अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्‍याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों की विवेचना एक माह में पूर्ण करने के निर्देश हैं। उन्‍होंने परिपत्र के जरिए हिदायत दी है कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले जिन अपराधों की विवेचना के लिए कोई स्‍पष्‍ट समय-सीमा निर्धारित नहीं है, उनकी विवेचना भी तीन माह में पूर्ण की जाए।
परिपत्र के माध्‍यम से पुलिस महानिदेशक ने निर्देश दिए है कि न्‍यायालय के निर्णय व निर्देश, पुलिस मुख्‍यालय के आदेश व निर्देश इत्‍यादि के पालन में विवेचना सामान्‍यत: तीन माह में पूर्ण कर ली जाए। परिपत्र में स्‍पष्‍ट किया गया है कि जिन प्रकरणों में समय सीमा में विवेचना पूरी नहीं हुई है, उनमें संबंधित पुलिस अधिकारी की जवाबदेही निर्धारित कर उसके खिलाफ विभागीय जाँच की जाए।
पुलिस महानिदेशक ने हिदायत दी है कि परिपत्र की प्रति सभी पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्‍त पुलिस अधीक्षक, पुलिस उप अधीक्षक एवं नगर पु‍लिस अधीक्षक व अनुविभागीय पु‍लिस अधिकारियों को भी उपलब्‍ध कराई जाये।
बघेल
वार्ता
image