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मध्यप्रदेश उद्योग नीति मंत्रिपरिषद दो अंतिम भोपाल

संशोधित नीति के अनुसार वित्तीय सहायता या प्रोत्साहनों की पात्रता के प्रयोजन के लिए यंत्र एवं संयंत्र का अर्थ, संयंत्र और मशीनरी, भवन और शेड तथा नेशनल एक्रीडिएशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज (एनएबीएल) से अधिमान्यता प्राप्त गुणवत्ता प्रमाणीकरण तथा जांच प्रयोगशालाओं में किया गया निवेश है, लेकिन इसमें भूमि और रिहाइशों इकाइयों में किया गया निवेश सम्मिलित नहीं होगा।
इसमें स्पष्ट किया गया है कि अधिमान्यता प्राप्त गुणवत्ता प्रमाणीकरण एवं जांच प्रयोगशालाओं में किए गए वास्तविक निवेश का 25 प्रतिशत अथवा अधिकतम 50 लाख रुपए, जो भी कम हो को वित्तीय सहायता, प्रोत्साहनों की पात्रता के प्रयोजन के लिए यंत्र एवं संयंत्र अंतर्गत परिभाषित किया जाए।
नीति में कहा गया है कि फार्मास्यूटिकल विनिर्माण इकाइयों को नीति अंतर्गत सुविधाओं का लाभ लेने के लिए उत्पादन तिथि से दो वर्ष तक 'स्लेक पीरियड' की सुविधा प्रदान करना है। इसमें स्पष्ट करते हुए कहा गया है कि फार्मास्यूटिकल विनिर्माण इकाइयों को नियामक अनुमतियां प्राप्त करने में लगने वाले समय को ध्यान में रखकर ऐसी इकाइयों में वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ होने की तिथि से पहले दो वर्ष को स्लेक पीरियड के रूप में मान्य किया जाए। इस प्रावधान में सहायता की अवधि यथावत सात वर्ष शर्तों के अध्याधीन ही रहेगी।
संशोधन नीति के अनुसार 'एपरेल प्रशिक्षण संस्थान' की स्थापना के लिए 25 प्रतिशत अधिकतम 50 लाख रुपए की सहायता दी जाए। वृहद श्रेणी की इकाइयों को नीति के प्रभावशील अवधि के दौरान पेटेंट या आईपीआर पंजीकरण के लिए किए गए व्यय की एक सौ प्रतिशत अधिकतम पांच लाख रुपए की प्रतिपूर्ति की जाएगी। यह प्रतिपूर्ति मात्र उन पेटेंट या आईपीएस पर लागू होगी, जिन्हें प्रदेश में दर्ज किया गया है।
प्रशांत
वार्ता
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