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निकाय चुनावों को अप्रत्य़क्ष प्रणाली एवं मतपत्र से कराने का भाजपा ने किया विरोध

रायपुर, 15 अक्टूबर (वार्ता) छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव में महापौर और अध्यक्ष पद के लिए चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली एवं मत पत्र से कराए जाने की मंत्रिमंडलीय उपसमिति की संस्तुति का मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने खुलकर विरोध किया है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पिछले सप्ताह नगरीय निकाय चुनाव में महापौर और अध्यक्ष पद के लिए अप्रत्यक्ष प्रणाली से चुनाव के संकेत दिए थे,और इसके लिए तीन सदस्यीय मंत्रिमण्डलीय उप समिति गठित करने का ऐलान किया था।आज यहां उप समिति की बैठक हुई जिसमें शामिल सदस्यों द्वारा महापौर और अध्यक्ष पद का चुनाव अप्रत्यक्ष प्रणाली से कराए जाने के साथ ही मतदान के लिए ईवीएम की बजाय बैलेट पत्र इस्तेमाल करने की सिफारिश की है।
उप समिति की सिफारिश के बाद अब यह तय माना जा रहा है कि प्रदेश में महापौर और अध्यक्ष पद के लिए अप्रत्यक्ष प्रणाली से ही चुनाव होगा।उस समिति की संस्तुति को मंत्रिमंडल की अगली बैठक में रखा जायेंगा,और उसकी मंजूरी के बाद अध्यादेश लाया जायेंगा।
मंत्रिमंडल उपसमिति द्वारा अप्रत्यक्ष चुनाव प्रणाली की सिफारिश पर भाजपा विधायक दल के नेता धरमलाल कौशिक ने तीखी प्रतिक्रिया में मंत्रिमंडलीय उपसमिति की सिफारिश को लोकतांत्रिक मूल्यों से खिलवाड़ बताया है।श्री कौशिक ने कहा कि ईवीएम के बजाय मतपत्र और महापौर-अध्यक्ष चुनाव पार्षदों से कराकर प्रदेश सरकार और कांग्रेस लोकतंत्र पर कब्जा करने का षड्यंत्र रच रही हैं।
श्री कौशिक ने कहा कि अपनी विफलताओं से घबराए और गत लोकसभा चुनाव के नतीजों में अपना सूपड़ा साफ होने से भयभीत कांग्रेस नेता और प्रदेश सरकार ने अपने कर्मों पर पर्दा डालने के लिए यह निर्णय लिया है।ऐसा करके कांग्रेस ने प्रदेश के लोकतांत्रिक वातावरण को प्रदूषित करने और चुनाव बाद पवित्र जनादेश के साथ मनमाना खिलवाड़ करने का अपना मंसूबा जाहिर किया है।
लक्ष्मण.साहू
वार्ता
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