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सुल्तानिया अस्पताल में दुर्लभ प्रसव में डॉक्टरों ने बचाई महिला की जान

भोपाल, 16 अक्टूबर (वार्ता) मध्यप्रदेश की राजधानी भाेपाल में सुल्तानिया जनाना अस्पताल की अधीक्षक डॉ. अरुणा कुमार के नेतृत्व में आज चिकित्सक टीम ने एक दुर्लभ केस में श्रीमती शबनम की जटिल सर्जरी कर जान बचा ली।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार रायसेन जिले के सुल्तानपुर की शबनम के गर्भाशय के स्थान पर ओवरी में बच्चा विकसित हो गया था और 6 माह की गर्भावस्था के बाद ओवरी फट गई थी।
डॉ. अरुणा कुमार ने बताया कि उन्होंने अपने 30 साल के कॅरियर में ऐसा केस नहीं देखा। यह जटिलता 3 से 6 हजार गर्भवती महिलाओं में से एक में पाई जाती है। आमतौर पर चार-पांच सप्ताह के दौरान गर्भपात हो जाता है। परंतु 35 वर्षीय शबनम के केस में 22 सप्ताह का गर्भ होने से खतरा अत्यधिक बढ़ गया था। रायसेन से आने के बाद कल रात में ही शबनम की जांचें की गईं और सोनोग्राफी की आवश्यकता महसूस हुई।
उन्होंने बताया कि सुबह हुई सोनोग्राफी में पता चला कि बच्चा मर चुका है, जो गर्भाशय में न होकर अंडादानी में है। अंडादानी फटने से पूरे पेट में खून भर गया है। तुरंत निर्णय लेकर ऑपरेशन किया गया।
डॉ. कुमार ने बताया कि शबनम अब पूरी तरह से खतरे से बाहर और स्वस्थ है। उसके पहले से 5 बच्चे होने के कारण नसबंदी कर दी गई है। शबनम को आयुष्मान योजना का लाभ दिया जा रहा है।
राज्य की चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. विजयलक्ष्मी साधौ ने सफल ऑपरेशन के लिये डॉक्टर अरुणा कुमार, डॉ. सोना सोनी, डॉ. जूही अग्रवाल, डॉ. नीतू मिश्रा और डॉ. उर्मिला केसरी को बधाई दी है।
व्यास
वार्ता
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