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इंदौर में खेले गए पारंपरिक हिंगोट युद्ध में 20 से ज्यादा खिलाडी घायल

इंदौर, 28 अक्टूबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के इंदौर के देपालपुर तहसील में पारंपरिक रूप से दीपावली के दूसरे दिन खेले जाने वाले हिंगोट (अग्निबाण) युद्ध में आज 20 से ज्यादा योद्धा (खिलाडी) घायल हो गए।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार जिले के देपालपुर के गौतमपुरा स्थित देव नारायण मंदिर के खेल मैदान पर आज पारंपरिक गौतमपुरा के तुर्रा और रुणजी गांव के कलगी के दल आमने-सामने हुये। दोनों ही दलों के दो सौ से अधिक यौद्धाओं (खिलाड़ी) ने शाम को हिंगोट युद्ध का शंखनाद किया।
पांच हजार से अधिक संख्या में मौजूद दर्शकों के सामने लगभग डेढ़ घंटे चले इस खेल में दोनों दलों के योद्धाओं ने एक दूसरे पर हिंगोट नामक अग्निबाणों की जमकर वर्षा की। कंधे पर बंधी कमान से जलते हिंगोट निकालकर योद्धा दुश्मन दल के योद्धा पर वार करते रहे। उधर दुश्मन दल का चौकन्ना योद्धा भी अपने हाथों में थामी ढाल से बचाव करता और पलक झपकते ही तेजी से जवाबी प्रहार करता।
इस हैरतअंगेज खेल में आज 22 के लगभग खिलाडी घायल हो गए हैं, जिन्हे खेल मैदान के नजदीक तैनात एम्बुलेंस के माध्यम से नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां सभी घायलों की हालत स्थिर बतायी जा रही है। पिछले वर्षो से सबक लेकर स्थानीय प्रशासन ने दर्शकदीर्घा और खेल मैदान के बीच लगभग 8 फिट ऊंची जालीदार बेरिकेटिंग कर रखी थी, जिसके चलते इस वर्ष दर्शकदीर्घा में बैठे किसी जनसमान्य के घायल अथवा चोटिल होने की सूचना नहीं है।
आयोजन में विशेष रूप से इंदौर के सांसद शंकर लालवानी और स्थानीय विधायक विशाल पटेल भी मौजूद रहे। श्री पटेल ने इस मौके पर बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी के आमंत्रण पर वर्ष 1984 में दिल्ली के ताल कटोरा स्टेडियम में हिंगोट युद्ध का प्रदर्शन किया गया था। इसके बाद से हर वर्ष इस आयोजन को देखने के लिए देश-विदेश के दर्शक यहां पहुंचते हैं।
सं बघेल
वार्ता
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