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आईएएस अधिकारी को लेकर कैट का महत्वपूर्ण आदेश

जबलपुर, 30 अक्टूबर (वार्ता) केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (कैट) की जबलपुर पीठ ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के मूल रूप से मणिपुर-त्रिपुरा कैडर के वरिष्ठ अधिकारी मोहनलाल मीणा की प्रतिनियुक्ति मध्यप्रदेश में ही जारी रखने का महत्वपूर्ण आदेश दिया है।
कैट के सदस्य (प्रशासनिक) नवीन टंडन और सदस्य (न्यायिक) रमेश सिंह ठाकुर ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी किया। छयालीस वर्षीय श्री मीणा मणिपुर त्रिपुरा कैडर के 2001 बैच के अधिकारी हैं। जान को खतरा होने के कारण श्री मीणा की प्रतिनियुक्ति लगभग नौ वर्ष पहले मध्यप्रदेश में तीन वर्ष के लिए की गयी थी। तीन वर्ष बाद भी खतरा बरकरार रहने पर उनकी सेवाएं यहीं पर ली जाती रहीं।
अभियोजन के अनुसार इसी वर्ष एक आदेश के जरिए मध्यप्रदेश से श्री मीणा की प्रतिनियुक्ति समाप्त कर उन्हें मूल कैडर में जाने के लिए रिलीव कर दिया गया था। इसके बाद वे कैट में पहुंचे।
सुनवायी के दौरान याचिकाकर्ता का पक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता नमन नागरथ, मनोज शर्मा और अन्मेष श्रीवास्तव ने रखा। उन्होंने दलील दी कि जान को खतरा होने के जिस महत्वपूर्ण आधार को ध्यान में रखते हुए श्री मीणा को मणिपुर से मध्यप्रदेश में प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया था, उस पर विचार किए बिना ही श्री मीणा को रिलीव कर दिया गया, जो कि अनुचित है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने कैट के समक्ष कहा कि श्री मीणा को अभी भी जान का खतरा है।
अभियोजन के अनुसार श्री मीणा 2005 06 में मणिपुर के उखरुल जिले में उपायुक्त के रूप में पदस्थ थे। उस समय निर्माण संबंधी कार्य देने के अधिकार उनके पास थे और वहां के जनप्रतिनिधि उनसे मनमाफिक कार्य कराना चाहते थे। श्री मीणा ने ऐसा नहीं किया और इसी बात को लेकर संबंधित जनप्रतिनिधियों से उनका विवाद हो गया। इसके बाद जनप्रतिनिधियों और उनके सहयोगियों ने उनके साथ घर में घुसकर भी मारपीट की थी।
इसके बाद श्री मीणा अवकाश पर चले गए और इस संबंध में केंद्र और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को बताया। इसके साथ ही उन्हें अपना कैडर परिवर्तन करने का आवेदन दिया। उन्होंने 'इंटर कैडर ट्रांसफर' संबंधी आवेदन मध्यप्रदेश सरकार को दिया और यहां की सरकार ने जून 2010 में श्री मीणा को तीन वर्ष की प्रतिनियुक्ति पर यहां बुला लिया।
कैट ने सभी बिन्दुओं पर तर्क सुनने के बाद अपने आदेश में श्री मीना को यह राहत दी है कि वह मध्यप्रदेश में तब तक कार्य करेंगे, जब तक कि केन्द्र सरकार श्री मीणा के खिलाफ जान के खतरे को ध्यान में रखते हुए उनकी पदस्थापना मणिपुर राज्य के बाहर नहीं कर देती।
सं प्रशांत
वार्ता
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