राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Oct 31 2019 7:51PM अंडे पर उठे विवाद के बीच ओझा ने भाजपा नेताओं के बयानों की आलोचना कीभोपाल, 31 अक्टूबर (वार्ता) मध्यप्रदेश में कुपोषण से निपटने के उद्देश्य से आंगनवाड़ी केंद्रों में बच्चों और गर्भवती माताओं को अंडे मुहैया कराने के राज्य सरकार के प्रस्ताव की आलोचना करने वाली भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं पर दोहरे मापदंड अपनाने का आरोप सत्तारूढ़ दल कांग्रेस ने लगाया है।कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने आज यहां जारी बयान में कहा कि अंडे बांटे जाने के प्रस्ताव का विरोध करना भाजपा नेताओं के मानसिक दिवालिएपन का प्रतीक है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ये भाजपा नेता राजनैतिक उद्देश्यों की पूर्ति करने के लिए अंडे के मामले को लेकर आधारहीन बयान दे रहे हैं। जबकि भाजपाशासित राज्यों जैसे कर्नाटक, असम और कुछ अन्य राज्यों में भी अंडे वितरित किए जा रहे हैं। उन्होंने विधानसभा में विपक्ष के नेता गोपाल भार्गव के बयान की भी आलोचना की और कहा कि ऐसे बयान देने पर उन्हें अपने पद पर रहने का भी अधिकार नहीं हैं। श्रीमती ओझा के मुताबिक श्री भार्गव ने कहा है कि अंडे खाने वाले बच्चे नरभक्षी हो सकते हैं। यह बयान मानसिक दिवालिएपन का प्रतीक है।श्रीमती ओझा ने कहा कि इसी तरह वरिष्ठ भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि अंडे बांटने से लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत होंगी। यह बयान भी विवेकहीन और हास्यास्पद है।श्रीमती ओझा ने कहा कि सरकार ने अंडा सेवन काे अनिवार्य नहीं किया है। यह ऐच्छिक है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा भोजन के रूप में कौन व्यक्ति क्या आहार ग्रहण करें, यह उसका नितांत व्यक्तिगत मामला है। वहीं भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने कहा कि व्यक्तिगत तौर पर कोई अंडा खाए या मांस, या वह शाकाहारी हो, यह उसका संवैधानिक अधिकार है। लेकिन सरकार के नाते अंडा को शाकाहारी बताकर बच्चों को परोसने का प्रयास निश्चित रूप से धार्मिक और सामाजिक मान्यताओं के साथ खिलवाड़ करना है। उन्होंने कहा कि इसके अलावा सरकार की ओर से यह भी माहाैल बनाया जा रहा है कि जिसने अंडा नहीं खाया, वह कुपोषण का शिकार हो गया। जबकि कई विकल्प में से अंडा एक है, एकमात्र नहीं है।इसके अलावा भाजपा के अन्य नेताओं ने भी कुपोषण के शिकार बच्चों को अंडा परोसने के सरकार के कदम की जमकर आलोचना की है।प्रशांतवार्ता