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हनीट्रैप मामले में आरोपी मोनिका के पिता की अर्जी खारिज

भोपाल, 02 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रेप मामले में गिरफ्तार एक आरोपी के पिता द्वारा मानव तस्करी से संबंधित प्रकरण को वापस लेने के संबंध में यहां की एक अदालत में दाखिल याचिका को आज खारिज कर दिया गया।
न्यायिक मजिस्ट्रेट ज्योति राठौर ने गिरफ्तार आरोपी मोनिका यादव के पिता हीरालाल यादव की सीआरपीसी की धारा 164 के तहत पेश की गयी अर्जी काे खारिज कर दिया। हीरालाल यादव सुबह अदालत पहुंचे थे, उसके कुछ देर बाद ही हनीट्रेप और इसी से संबंधित मानव तस्करी मामले की जांच कर रही विशेष जांच दल (एसआईटी) के सदस्य भी मय डायरी अदालत पहुंच गयी।
एसआईटी ने अदालत में कहा कि इंदौर जेल में बंद मोनिका यादव पर आरोपी आरती दयाल और श्वेता जैन की ओर से जेल में बंद अन्य आरोपियों के माध्यम से केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है।
एसआईटी का कहना है कि मोनिका केे पिता ने ही सीआईडी थाने में बगैर किसी दबाव के आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इस संबंध में मोनिका की मां और एक अन्य गवाह ने भी आरोपियों द्वारा मोनिका को अनैतिक गतिविधियों में जबरदस्ती धकेलने की बात कही है। मोनिका के पिता हीरालाल ने अदालत आने से पूर्व किसी भी जांच अधिकारी से संपर्क नहीं किया, वे सिर्फ आरोपियों के द्वारा बनाए जा रहे दबाव के कारण स्वयं ही अदालत आ गए हैं।
एसआईटी का कहना है कि वह इस मामले में मोनिका के पिता हीरालाल के बयान लेना नहीं चाहती, इसलिए उनकी अर्जी को खारिज कर दिया जाए। एसआईटी ने अपने प्रतिवेदन में बताया है कि मामले में आरोपी अभिषेक पूर्व में श्वेता जैन की कंपनी व एनजीओ में कर्मचारी था। वह गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर मोनिका यादव को रोजगार दिलाने के बहाने भोपाल लेकर आया था। भोपाल में अभिषेक ने मोनिका को श्वेता जैन से मिलवाया, जहां पर उसे अनैतिक कार्य के लिए दबाव बनाया गया।
प्रतिवेदन में कहा गया कि आरोपियों श्वेता विजय जैन, आरती दयाल, श्वेता स्वप्निल जैन, बरखा सोनी और मोनिका यादव के पास से कई गजेट्स, लेपटाॅप, कंप्यूटर, मोबाइल फोन, हार्ड डिस्क, डाटाकार्ड और पेन ड्राइव मिले हैं। इनसे आरोपियों की अपराध में संलिप्तता स्पष्ट दिखाई देती है। अदालत ने एसआईटी के प्रतिवेदन के आधार पर मोनिका के पिता की अर्जी को खारिज कर दिया।
दूसरी ओर मोनिका के पिता की ओर से निचली अदालत के आदेश के खिलाफ सत्र न्यायालय में पुनरीक्षण याचिका पेश की जा रही है। वहीं मोनिका यादव के पिता हीरालाल ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि उनसे पुलिस ने जबरदस्ती कागजों पर हस्ताक्षर करा लिए हैं, जबकि वह पढ़े लिखे ही नहीं हैं। पुलिस ने उनसे कहा था कि उनकी पुत्री को सरकारी गवाह बना लेंगे और उसे छोड़ दिया जाएगा। यह बात सुनकर उन्होंने कागजों पर हस्ताक्षर कर दिए थे।
सं बघेल प्रशांत
वार्ता
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