राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Nov 18 2019 9:37PM सिने तारिका मोनिका को हाईकोर्ट से राहतजबलपुर, 18 नवंबर (वार्ता) सिने तारिका व अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम की महिला मित्र मोनिका बेदी के फर्जी पासपोर्ट संबंधी मामले में आज मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय से बडी राहत मिली है। न्यायाधीश व्हीपीएस चौहान की एकलपीठ ने फैसला में नीचली अदालत द्वारा दिये गये दोषमुक्त के फैसले को सही ठहराया है। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि विवेचना में पुलिस विभाग से त्रुटियां हुई है। वर्तमान स्थिति में जांच में की गयी त्रुटियों को सुधारकर पुन जांच के आदेश न्यायालय नहीं दें सकता है।गौरतलब है कि भोपाल के कोहेफिजा थाने में पुलिस ने अंडर वर्ल्ड सरगना अबू सलेम, फिल्म स्टार मोनिका बेदी सहित अन्य के खिलाफ फर्जी पासपोर्ट मामलें में विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज किया था। प्रकरण की सुनवाई करते हुए भोपाल जिला न्यायालय के सीजेएम ने साल 2006 में फिल्म स्टार मोनिका बेदी को सबूतों के आभाव में दोष मुक्त करार दिया था। जिसके खिलाफ एडीजे के समक्ष अपील दायर की गयी थी। एडीजे ने सुनवाई के बाद साल 2007 अपील को खारिज कर दिया था। जिसे संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने मामलें से संबंधित रिकॉर्ड तलब करते हुए प्रकरण की सुनवाई के निर्देश दिये थे। राज्य शासन ने भी हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर की थी। सरकार तथा याचिकाकर्ता की तरफ से अपने-अपने तर्क प्रस्तुत किये गये। दोनों पक्षों के तर्क सुनने के बाद एकलपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रखने के आदेश जारी किये थे। एकलपीठ ने अपने आदेश में कहा है कि पासपोर्ट के लिए अनावेदिका की तरफ से पेश किये गये हलफनामा, आवेदन तथा पुलिस आरक्षक के समक्ष वेरिफिकेशन फाॅर्म में हस्ताक्षर को जांच के लिए हैण्डराईटिंग विषेषज्ञ के पास नहीं भेजा था। जिसके कारण वह यह नहीं बता पाये कि उक्त दस्तावेज में अनावेदिका के हस्ताक्षर है। इसके अलावा पासपोर्ट भी बरामद नहीं हुआ और उसे पासपोर्ट पर या़त्रा करने संबंधित कोई दस्तावेज नहीं मिले है। एकलपीठ ने नीचली अदालतों के फैसले को सही ठहराते हुए दोनों पुनरीक्षण याचिकाओं को खारिज कर दिया। सं नागवार्ता