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आरक्षक भर्ती परीक्षा मामले में फर्जी परीक्षार्थी को कारावास

भोपाल, 20 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश व्यवसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) मामलों की विशेष अदालत ने आज आरक्षक भर्ती परीक्षा 2016 में फर्जी परीक्षार्थी के रूप में सम्मिलित हुए आरोपित युवक को 7 साल कैद और 6 हजार रूपए जुर्माने की सजा सुनाई है।
विशेष न्यायाधीश अजय श्रीवास्तव ने यह फैसला सुनाया है।
लोक अभियोजक अनिल शुक्ला ने बताया कि घटना 6 अगस्त 2016 को विद्यापीठ काॅलेज बिलखिरिया भोपाल में आयोजित आरक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान हुई थी। परीक्षा केन्द्राध्यक्ष सौरभ जैन ने बिलखिरिया थाने में लिखित रिपोर्ट की थी कि वे सुबह 8 बजे परीक्षा केन्द्र में प्रवेश करने वाले छात्रों के प्रवेश पत्र की जांच कर रहे थे। उसी दरम्यान सरोज नगर, वार्ड नंबर 26, भिण्ड निवासी परीक्षार्थी जुगराज सिंह गुर्जर के प्रवेश पत्र की जांच की गई तो वह संदिग्ध पाया गया।
जांच में पता चला कि प्रवेश पत्र में जिस परीक्षार्थी युवक का फोटो चस्पा था वह उपस्थित परीक्षार्थी युवक से मेल नहीं खा रहा था। संदेह होने पर परीक्षाकेन्द्र में उपस्थित पर्यवेक्षकों ने उपस्थित युवक से पूछताछ की तो उसने अपना नाम शिवरतन सिंह तोमर निवासी खजूरिययनपुरा तहसील वाह, आगरा , उत्तरप्रदेश का रहने वाला बताया। शिवरतन ने बताया कि वह मूल परीक्षार्थी जुगराज सिंह के स्थान पर परीक्षा देने के लिए आया था जिसके लिए उसे मोटी रकम प्राप्त हुई है। युवक की तलाशी में उसके पास से तीन फर्जी वोटर आईडी कार्ड और अन्य दस्तावेज प्राप्त हुए थे। पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर आरोपित मूल परीक्षार्थी जुगराज सिंह गुर्जर, फर्जी परीक्षार्थी शिवरतन सिंह तोमर के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, फर्जीवाड़े, षडयंत्र और मध्यप्रदेश मान्यता प्राप्त अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर मामले का चालान अदालत में पेश किया था। अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान आरोपित मूल परीक्षार्थी जुगराज सिंह 28 फरवरी 2019 से फरार हो गया था। अदालत ने मामले में आरोपित फर्जी परीक्षार्थी शिवरतन सिंह तोमर को दोषी पाते हुए यह सजा का फैसला सुनाया है।
सं नाग
वार्ता
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