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‘राइट टू हेल्थ’ को कानूनी अधिकार प्रदान करने जाएगा विधेयक: सिलावट

भोपाल, 21 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री तुलसीराम सिलावट ने आज कहा कि प्रदेश को देश में सबसे स्वस्थ राज्य बनाने के उद्देश्य से ‘राइट टू हेल्थ’ को कानूनी अधिकार प्रदान करने के लिए विधानसभा के आगामी शीतकालीन सत्र में विधेयक लाया जाएगा।
श्री सिलावट ने यहां पत्रकारों से चर्चा में कहा कि राज्य में ‘राइट टू हेल्थ’ की पहल की गयी है। मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य होगा, जो अपने नागरिकों को स्वास्थ्य का कानूनी अधिकार देगा। उन्होंने कहा कि इसे कानूनी रूप देने के लिए मसौदा तैयार किया जा रहा है और प्रयास रहेगा कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में इसे अनुमोदन के लिए रखा जाये।
राज्य सरकार की एक वर्ष की उपलब्धियां गिनाते हुए श्री सिलावट ने कहा कि प्रदेश को मिलावट से मुक्त कराने के लिए सरकार ने ‘शुद्ध के लिए युद्ध’ अभियान चलाया है। पिछले चार महीनों के दौरान दूध एवं दुग्ध उत्पादों तथा अन्य पदार्थो के 9283 नमूने जांच के लिए गए हैं। वहीं 94 लोगों के खिलाफ एफआईआर तथा 32 लोगों के खिलाफ रासुका के तहत कार्रवाई की गयी है।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इस वर्ष अत्यधिक वर्षा के चलते डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया जैसी बीमारियां व्यापक रूप में फैल रही है। इससे निपटने के लिए कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष डेंगू के 3532 और चिकनगुनिया के 592 मामले प्रकाश में आए हैं। इनमें डेंगू के 1638 मामले राजधानी भोपाल में सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए संयुक्त टीम बनाकर कार्य किए जा रहे हैं
श्री सिलावट ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर करने के उद्देश्य से महानगरों के प्रत्येक वार्ड में संजीवनी क्लीनिक प्रारंभ किए जाएंगे। 4366 संविदा पैरा मेडिकल पदों पर शीघ्र नियुक्ति एवं एनएचएम के अंतर्गत 279 संविदा होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारियों की शीघ्र नियुक्ति की जायेगी। इसके अलावा भी स्वास्थ्य सुविधा बढाने के लिए अन्य कई कार्य किए जा रहे हैं।
बघेल
वार्ता
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