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आरक्षक भर्ती परीक्षा घोटाले मामले में 31 आरोपित दोषी करार

भोपाल, 21 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) मामलों के लिए गठित विशेष अदालत ने आज आरक्षक भर्ती परीक्षा 2013 घोटाले मामले के सभी 31 आरोपितों को दोषी करार दिया है।
विशेष न्यायाधीश बीएल साहू ने आज फैसला सुनाते हुए दोषी आरोपितों को न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भेज दिया है।
अदालत सभी दोषी आरोपितों को 25 नवंबर को सजा का फैसला सुनाएगी। मामले में दोषी आरोपितों में 12 मूल परीक्षार्थी छात्र जो कि ज्यातर भिण्ड और मुरैना के निवासी है जबकि 12 फर्जी परीक्षार्थी छात्र जो कि उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। इनके अलावा पैसों के लेने देन कर परीक्षा में फर्जी छात्रों को सम्मिलित करने वाले 7 दलाल हैं।
अभियोजन अनुसार घटना 15 सितंबर 2013 को व्यापमं द्वारा आयोजित आरक्षक भर्ती 2013 की लिखित परीक्षा के दौरान हुई थी। पुलिस को सूचना मिली थी कि आरक्षक भर्ती परीक्षा के दौरान भोपाल और दतिया के परीक्षा केन्द्रों में गड़बड़ी होने की आशंका है। इस संबंध में पुलिस ने टीमें गठित कर भोपाल और दतिया के केन्द्रों पर भेजी थी। परीक्षा के दौरान प्रवेश पत्रों की जांच के दौरान भोपाल में 6 और दतिया में 6 फर्जी परीक्षार्थी छात्रों को पकड़ा गया था।
इन फर्जी छात्रों से पूछताछ में पता चला था कि वे दलालों द्वारा मोटी रकम प्राप्त करके मूल परीक्षार्थियों के स्थान पर लिखित परीक्षा देने आए थे। मामले में एसटीएफ पुलिस ने कुल 31 लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, फर्जीवाड़े, षडयंत्र और मध्यप्रदेश मान्यता प्राप्त अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज मामले का चालान वर्ष 2013 में पेश किया था। एसटीएफ द्वारा चालान पेश किए जाने के बाद मामले के कुल 57 गवाहों के अदालत में बयान भी दर्ज किए जा चुके थे। मामले की सुनवाई अदालत में चल रही थी इसी बीच व्यापमं मामलों को सीबीआई को जांच के लिए सौंप दिया गया। सीबीआई ने अपनी जांच पूर्ण कर मामले में सभी 31 आरोपितों के खिलाफ पुनः चालान पेश किया। सीबीआई की ओर से वकील सतीश दिनकर द्वारा मामले की सुनवाई के दौरान कुल 90 गवाहों के बयान अदालत में दर्ज कराए गए जिनके आधार पर सभी 31 दोषी आरोपित के खिलाफ अपराध प्रमाणित पाए जाने पर यह फैसला सुनाया गया जिस पर 25 नवंबर को सजा सुनाई जाएगी।
सं नाग
वार्ता
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