राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Nov 24 2019 10:34PM पन्ना टाईगर रिजर्व में तेजी से बढ़ी है बाघों की तादाद, हमीरपुर में दिखा बाघपन्ना, 24 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के पन्ना टाईगर रिजर्व में बाघों की संख्या लगातार बढऩे के कारण बाघ अपने लिये नये ठिकाने की तलाश करने के लिए कोर क्षेत्र से बाहर निकल रहे हैं। इस टाइगर रिजर्व का एक बाघ उत्तरप्रदेश के हमीरपुर में एक खेत में देखा गया है।वन विभाग के सूत्रों ने बताया कि मौजूदा समय में पन्ना टाईगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में अक्सर लोगों को बाघ नजर आ रहे हैं। इसके अलावा जिन इलाकों में पिछले कई वर्षों से बाघ नहीं दिखे, वहां भी बाघों की मौजूदगी के प्रमाण मिले हैं। ये बाघ अब तो लंबी दूरी तय कर पड़ोसी राज्य उ.प्र. की सीमा में भी प्रवेश करने लगे हैं। यहाँ मिली जानकारी के अनुसार उत्तरप्रदेश में आने वाले बुन्देलखण्ड क्षेत्र के महोबा-हमीरपुर जिले की सीमा में स्थित घेवड़ी गाँव में एक बाघ को खेत से गुजरते हुये ग्रामीणों ने देखा और उसकी तस्वीर भी ली है। इस मामले की जानकारी मिलने पर वन विभाग के अधिकारी सक्रिय हो गये हैं और बाघ की तलाश में जुट गए हैं। इस संबंध में पन्ना टाईगर रिजर्व के क्षेत्र संचालक के. एस. भदौरिया ने संभावना जताई है कि हमीरपुर जिले में दिखा बाघ पन्ना टाईगर रिजर्व का हो सकता है। उन्होंने बताया कि इस पूरे इलाके में बाघों का सोर्स पापुलेशन सिर्फ पन्ना टाईगर रिजर्व में है। यहां पर बाघों की संख्या तेजी से बढ़ी है, इसलिये बड़ी संख्या में बाघ कोर क्षेत्र से निकलकर बफर के जंगल में विचरण कर रहे हैं। बफर क्षेत्र से ही निकलकर यह बाघ भी लंबी दूरी तय करते हुये वहाँ पहुँचा होगा।बुन्देलखण्ड के चीफ कन्जर्वेटर आफ फारेस्ट पिनाली सिंह के मुताबिक हमीरपुर जिले के इस इलाके में पहली बार कोई रॉयल बंगाल टाईगर देखा गया है। ग्रामीणों ने इस बाघ की फोटो भी ली है। इलाके के सात गाँवों के लोगों ने बाघ को गुजरते हुये देखा है। वन अधिकारियों ने इलाके के लोगों को सतर्क रहने के लिये कहा है। वन अधिकारियों के अनुसार यह रॉयल बंगाल टाईगर पन्ना से केन नदी के किनारे यात्रा करते हुये हमीरपुर तक पहुँचा है। इस टाईगर को सुरक्षित तरीके से रेस्क्यू करने के लिये बड़े स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। बाघ की तलाश के लिये कानपुर से विशेष टीमों को भी बुलाया गया है। इस बाघ की पहचान आईडी से होगी। उन्होंने बताया कि पन्ना टाईगर रिजर्व में जन्मे सभी बाघों की आईडी बनाई जाती है। यदि कोई बाघ लंबी दूरी तय करके बाहर चला जाता है, तो भी उसकी पहचान आसानी से की जा सकती है। उन्होंने कहा कि पन्ना का एक बाघ मौजूदा समयरानीपुर सेन्चुरी में है। कई नर और मादा बाघ चन्द्रनगर, बिजावर और किशनगढ़ क्षेत्र में भी विचरण कर रहे हैं। आने वाले दिनों में बफर क्षेत्र के जंगल में बाघों का मूवमेन्ट बढ़ सकता है।सं विश्वकर्मावार्ता