राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Nov 27 2019 7:39PM राज्य सरकार का शिक्षा में गुणवत्ता सुधार पर है पूरा फोकस- चौधरीभोपाल, 27 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने आज यहां मीडिया कार्यशाला में कहा कि राज्य सरकार का पूरा फोकस शिक्षा में गुणवत्ता सुधार पर केन्द्रित है। इस दिशा में लगातार नवाचार एवं सुधारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं।डॉ. चौधरी ने बताया कि गुणवत्ता में सुधार की दृष्टि से विभागीय अधिकारियों, प्राचार्यों एवं शिक्षकों को स्थानीय निजी स्कूलों, दिल्ली, नोएडा एवं दक्षिण कोरिया के स्कूलों का भ्रमण कराया गया, ताकि प्रदेश में गुणवत्ता सुधार के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा प्रणाली को लागू किया जा सके।उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा समुचित कॉपी चेकिंग व्यवस्था पर बल दिया गया है। कॉपी चेकिंग में सुधार के लिये सघन अभियान चलाया गया। अभियान में लगभग 3000 विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा की जा रही कॉपी चेकिंग की जांच की गई। कॉपी चेक नहीं करने वाले तथा करेक्शन अंकित नहीं करने वाले शिक्षकों के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही भी की गई। गलती करने वाले शिक्षकों की वेतन-वृद्धि रोकने और वेतन कटौती की कार्यवाही भी की गई। लापरवाही बरतने वाले शिक्षकों को शोकॉज नोटिस जारी किए गए।उन्होंने बताया कि तीस प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों की दक्षता का आकलन करने के लिए परीक्षा आयोजित की गई, जिसमें 6 हजार से ज्यादा शिक्षकों को शामिल किया गया। शिक्षकों की दक्षता सुधार के लिए प्रशिक्षण भी आयोजित किया गया। जिन शिक्षकों के परीक्षा परिणाम अच्छे नहीं रहे, उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई।उन्होंने बताया कि अभिभावकों एवं शिक्षकों के मध्य संवाद स्थापित करने के लिए नियमित पालक-शिक्षक बैठक (पीटीएम) की व्यवस्था की गई। उन्होंने छात्र-छात्राओं की गुणवत्ता और दक्षता में सुधार के लिए उनकी पढ़ाई पर ध्यान देने संबंधी अपील की। राज्य शासन द्वारा वर्तमान अकादमिक सत्र से कक्षा 5वीं और 8वीं के बच्चों का बोर्ड पैटर्न पर वार्षिक मूल्यांकन किये जाने का निर्णय लिया गया है। कक्षा 5वीं और 8वीं की परीक्षा में पास होने के लिए विद्यार्थियों को 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करना होंगे। व्यासजारीवार्ता