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महापौर के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज

जबलपुर, 27 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने नगर निगम एक्ट में संशोधन कर पार्षदों को मेयर के निर्वाचन का अधिकार दिये जाने के खिलाफ याचिका दायर को खारिज कर दी।
मुख्य न्यायाधीक्ष ए के मित्तल तथा न्यायाधीश व्ही पी एस चैहान की युगलपीठ ने याचिका को खारिज करते हुए अपने आदेश कहा है कि पूर्व में न्यायालय ने एक्ट में किये गये संशोधन को वैधानिक माना है।
याचिकाकर्ता पीजी नाजपांडे एवं आर भार्गव की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में जनता द्वारा महापौर का चुनाव करवाने का निर्णय लिया गया था। इसके लिए विधानसभा से प्रस्ताव पारित हुआ था और एक्ट में संशोधन कर उसका प्रकाशन गजट नोटिफिकेशन में किया गया था। याचिका में कहा गया है कि एक्ट में पुन संशोधन कर पार्षदों को महापौर के निर्वाचन का अधिकार प्रदान कर दिया है।
याचिका में कहा गया था कि इसका लाभ राजनीतिक पार्टियों को होगा। पार्षद के चुनाव राजनीतिक पार्टियों के चुनाव चिन्ह पर होते है। निर्वाचित पार्षद अपने पार्टी प्रत्याशी को वोट देगें कोई निर्दलीय व्यक्ति महापौर नहीं बन पायेगा। इसके अलावा निर्दनीय की खरीद फिरौत से इंकार नहीं किया जा सकता है।
युगलपीठ ने याचिका का खारिज करते हुए एक्ट में किये गये संशोधन को वैधानिक करार दिया है।
सं नाग
वार्ता
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