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सांसद प्रज्ञा के मामले में फैसला सुरक्षित

जबलपुर, 30 नवंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने आज भोपाल की सांसद प्रज्ञा ठाकुर के निर्वाचन को चुनौती देने वाली याचिका पर फैसला सुरक्षित रखने के आदेश जारी किये है।
न्यायाधीश विशाल घगट की एकलपीठ ने इस संबंध में दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखने के आदेश जारी किये है। एकलपीठ ने चुनाव आयोग के आवेदन पर भोपाल लोकसभा चुनाव में उपयोग की गयी ईव्हीएम तथा व्हीव्हीपेट मशीन को रिलीज करने के आदेश जारी किये गये है।
भोपाल निवासी राकेश दीक्षित की तरफ से दायर की गयी चुनाव याचिका में कहा गया था कि साध्वी प्रज्ञा ने चुनाव के दौरान साम्प्रदायिक भाषण दिये। इसके अलावा उन्होंने वोट पाने के लिए धार्मिक भावनाओं को भडकाने संबंधित बातों को उल्लेख भी अपने भाषण में किया। इसके अलावा उन्होंने महात्मा गांधी की हत्या को जस्टिफाई किया और कांग्रेस प्रत्याशी को हिन्दू विरोधी बताया था।
याचिका में लगाये गये आरोपों की पुष्टि के लिए साध्वी के भाषण की सीडी व अखबारों में प्रकाशित खबरों की कटिंग भी याचिका के साथ प्रस्तुत की गयी थी। याचिका में कहा गया कि यह कृत्य जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123 का उल्लंधन है। इसलिए उनके निर्वाचन को शून्य घोषित किया जाये।
याचिका की सुनवाई के दौरान सांसद प्रज्ञा ठाकुर की तरफ से याचिका को खारिज किये जाने की मांग करते हुए आवेदन पेश किया गया था। जिसमें कहा गया था कि साक्ष्य अधिनियम के तहत इलेक्ट्रोनिक साक्ष्य रिकाॅर्ड करने तथा कम्प्यूटर से उसकी सीडी बनाने वाले का हलफनामा पेश किया जाना आवश्यक है। याचिका के साथ निर्धारित प्रारूप अनुसार हलफनामा पेश नहीं किया गया है। इस कारण से यह याचिका खारिज करने योग्य है।
याचिका की सुनवाई के दौरान चुनाव आयोग की तरफ से भोपाल लोकसभा चुनाव में उपयोग की गयी ईव्हीएम तथा व्हीव्हीपेट मशीन को मुक्त किये जाने की मांग की गयी।
एकलपीठ ने उक्त मांग स्वीकार करते हुए सांसद प्रज्ञा ठाकुर के आवेदन पर दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखने के आदेश जारी किये है।
सं नाग व्यास
वार्ता
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