Wednesday, Apr 24 2024 | Time 05:15 Hrs(IST)
image
राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़


समानता, न्यायिकता, करूणा और प्रेम ही सुशासन का आधार-टंडन

भोपाल, 25 दिसंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि समानता, न्यायिकता, करूणा और प्रेम ही सुशासन का आधार है।
राज्यपाल श्री टंडन ने क्रिश्चियनिटी और गुड गवर्नेंस विषय पर राजभवन में आयोजित संगोष्ठी में कहा कि समाज में प्रेम, स्नेह, दया और करूणा का साम्राज्य हो तथा सब सुखी, शिक्षित और प्रसन्न रहें। यही सुशासन का स्वरूप होना चाहिये। उन्होंने कहा कि महापुरूषों के जीवन से हमें स्वयं कष्ट सहकर मानवता के कल्याण के लिए कार्य करने की प्रेरणा मिलती है। मानव समाज को ऐसे महापुरूषों के जीवन का अनुसरण करना होगा, जिससे विश्व में शांति और सदभाव का वातावरण निर्मित हो सके।
श्री टंडन ने कहा कि समाज का प्रत्येक सदस्य ईश्वर की रचना है। इसलिए अमीर-गरीब, उँच-नीच का भेदभाव उचित नहीं है। समानता, न्यायिकता, करूणा और प्रेम सुशासन का आधार है। उन्होंने कहा कि विभिन्न धर्म एक ही मंजिल तक पहुँचने के अलग-अलग रास्ते हैं। ईसा मसीह, भगवान राम, कृष्ण, बुद्ध, महावीर और मोहम्मद साहब सभी ने अपने जीवन से शांति और मानवता का संदेश दिया है। दूसरों के दर्द को दूर करने के प्रयास किये हैं।
उन्होंने कहा कि ईसा मसीह ने स्वयं कष्ट उठाकर दूसरों के कल्याण के कार्य किये। दूसरों की भलाई के लिए वह स्वयं सूली पर चढ़ गये। दूसरों की खुशी के लिए स्वयं कष्ट उठाकर कार्य करने का भाव ही सुशासन है। उन्होंने बताया कि वेदों में कहा गया है कि जो कुछ भी है, वह हमारा नहीं है, क्योंकि हम खाली हाथ आये थे और खाली हाथ ही जायेंगे। हमें जीवन में जो कुछ चाहिये, वह सब कुछ दूसरों को भी चाहिये। इस भाव के साथ कार्य करना ही सुशासन है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार क्रिसमस पर्व, भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी और भारत रत्न महामना स्वर्गीय मदन मोहन मालवीय की जन्म जंयती के अवसर पर आज राजभवन में संगोष्ठी का आयोजन किया गया था। संगोष्टी में राज्यपाल के सचिव मनोहर दुबे और राजभवन के अन्य अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित थे।
विश्वकर्मा
वार्ता
image