राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Jan 3 2020 6:25PM महिलाएं लैंगिक भेदभाव सहन न करें-सिमालाभोपाल 03 जनवरी (वार्ता) सेनानी 23 वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल एवं पुलिस मुख्यालय की आंतरिक परिवाद समिति की पीठासीन अधिकारी सुश्री सिमाला प्रसाद ने कहा कि कार्यालय की हर शाखा में ऐसी कार्य संस्कृति व वातावरण विकसित करें जो महिला एवं पुरूष दोनों के लिए सहज हो, जिससे किसी को भी काम करने में कठिनाई न हो। सुश्री प्रसाद ने आज पुलिस मुख्यालय में आयोजित हुए ‘आंतरिक परिवाद समिति’ की त्रैमासिक बैठक में यह बात कही। उन्होंने कहा महिला कर्मचारी कार्यस्थल पर लैंगिक भेदभाव कदापि सहन न करें। कार्यालय में किसी भी प्रकार का लैंगिक भेदभाव अथवा उत्पीड़न होने पर अपनी बात परिवाद समिति के समक्ष जरूर रखें।उन्होंने कहा इस समिति द्वारा न्यायिक प्रक्रिया के तहत सुनवाई की जाती है। साथ ही कानूनी मदद भी प्रदान की जाती है। महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण,प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) अधिनियम 2013 के परिपालन में पुलिस मुख्यालय में भी आंतरिक परिवाद समिति गठित की गई है।उन्होंने कहा कि पुलिस मुख्यालय में कार्यरत महिलाओं के शिशुओं के लिए झूलाघर बनाया जा रहा है। 23 वीं वाहिनी में भी यह व्यवस्था की गई है, जिसमें अल्प शुल्क पर सेवाएं मुहैया कराई जाती है। उन्होंने सभी शाखाओं के नोडल अधिकारियों से कहा कि जो महिला कर्मचारी दुपहिया व चारपहिया वाहन चलाने एवं इंग्लिश स्पीकिंग का प्रशिक्षण लेने की इच्छुक हैं, उन महिला कर्मचारियों के नाम अतिशीघ्र पुलिस मुख्यालय की महिला अपराध शाखा को उपलब्ध कराए जाएं। बैठक में महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न (निवारण,प्रतिषेध एवं प्रतितोषण) अधिनियम को प्रभावी ढ़ंग से लागू करने के लिए महिला एवं पुरूष प्रतिनिधियों के सुझाव लिए गए।महिला सशक्तिकरण की मिसाल बनीं महिला कर्मचारियों का बैठक में विशेष अभिवादन किया गया। बैठक में सहायक पुलिस महानिरीक्षक श्रीमती शालिनी दीक्षित सहित अन्य संबंधित अधिकारी, विभिन्न शाखाओं की महिला प्रतिनिधि एवं नव पदस्थ कर्मचारी मौजूद थी। नागवार्ता