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मानव जीवन की सुरक्षा के लिए जैव-विविधता संरक्षण जरूरी -टंडन

भोपाल, 05 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा है कि मानव जीवन की सुरक्षा के लिये जैव-विविधता का संरक्षण जरूरी है। उन्होंने आगाह किया कि यदि समय रहते इस दिशा में सघन प्रयास नहीं किये गये, तो परिणाम भयावह होंगे।
श्री टंडन ने आज यहाँ गुलाब उद्यान में आयोजित 39वीं अखिल भारतीय गुलाब प्रदर्शनी के पुरस्कार वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रकृति में पेड़-पौधे, फल-फूल कीट-पतंगे और जीव-जंतु सब का संरक्षण और विकास ही जैव-विविधता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक जीवन शैली में प्रकृति का चक्र बिगड़ रहा है। इसे सुधारने के प्रयास आवश्यक हैं। उन्होंने कहा कि जैव-विविधता का संरक्षण और प्रकृति से जुड़ाव ही हमारी हजारों वर्ष की संस्कृति का आधार है। यदि यह जुड़ाव खत्म हो गया, तो हमारी गौरवशाली संस्कृति भी खतरे में आ जाएगी।
उन्होंने कहा कि रासायनिक कीटनाशकों और खादों के उपयोग से भूमि और स्वास्थ्य, दोनों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। अब आवश्यकता जैविक खेती की है। उन्होंने कहा कि जैविक उर्वरक निर्माण के लिए पूंजी की नहीं, परिश्रम और रुचि की आवश्यकता है। यह कूड़े-कचरे से ही बन जाती है। स्वस्थ जीवन के लिए रासायनिक खाद और कीटनाशकों से दूरी बनाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि प्रकृति से जुड़कर, उसकी सेवा करने में मिलने वाला आनन्द अभिव्यक्ति से परे है। उन्होंने कहा कि गुलाब की जितनी किस्में भारत में मिलती हैं, उतनी दुनिया में कहीं नहीं हैं। गुलाब बहु-उपयोगी पुष्प है। इसमें औषधीय गुण होते है।
विश्वकर्मा
वार्ता
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