राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Jan 9 2020 4:59PM पुलिस ऐसे लोगों को मदद करे जो अपनी परेशानी नहीं बता पाते-डॉ चौधरीरायसेन, 09 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ प्रभुराम चौधरी ने कहा कि परिवार का यदि एक भी सदस्य दु:खी है तो पूरा परिवार खुश नहीं रह सकता। यही बात समाज व देश पर भी लागू होती है। इसलिए पुलिस अधिकारी आगे बढ़कर आर्थिक व सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों के ऐसे लोगों की मदद करें, जो अपनी परेशानी नहीं बता पाते। डॉ चौधरी ने आज साँची में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्गों के प्रति संवेदनशीलता विषय पर शुरू हुई पुलिस अधिकारियों की दो दिवसीय राज्य स्तरीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्गों के कल्याण के लिए पूरी शिद्दत के साथ प्रयासरत है। सरकार ने इस दिशा में कारगर कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा खुशी की बात है पुलिस मुख्यालय की अजाक शाखा ने सरकार की मंशा के अनूरूप मौके पर पहुँचकर उन लोगों के मन की बात जानने की पहल की है, जिनके लिए सरकार ने कल्याणकारी कार्यक्रम बनाए हैं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि वे संवेदनशीलता के साथ आर्थिक एवं सामाजिक रूप से कमजोर वर्गो के लोगों को न्याय दिलाएँ। यदि हम एक व्यक्ति को भी न्याय दिलाते हैं तो उसका पूरे समाज में सकारात्मक संदेश जाता है। इसलिए सभी पुलिस अधिकारी समर्पण भाव के साथ पीडि़तों को न्याय दिलाएँ, जिससे उपेक्षित लोग सम्मान के साथ समाज की मुख्य धारा में शामिल हो सकें। उन्होंने केन्द्रीय ऐजेंसी आई.बी. द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में प्रदेश के बुरहानपुर अजाक थाना को प्रथम तीन में चुने जाने पर खुशी जाहिर की। साथ ही थाना प्रभारी को शील्ड भेंटकर सम्मानित किया।अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अजाक श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव ने कहा पुलिस मुख्यालय की अजाक शाखा द्वारा पुलिस अधिकारियों के लिए साल में दो बार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्गों के प्रति संवेदनशीलता विषय पर राज्य स्तरीय संगोष्ठी आयोजित की जाती हैं। मुख्यमंत्री की मंशा के अनुरूप पहली बार यह संगोष्ठी राजधानी में न आयोजित कर उन लोगों के बीच आयोजित की जा रही है, जिनके प्रति विशेष संवेदनशीलता अपनाने की जरूरत है। उन्होंने बताया सेमीनार के दूसरे दिन एक गाँव में जाकर पुलिस अधिकारियों का अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों से सीधा संवाद कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों को एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज प्रकरणों की बेहतर विवेचना एवं कानूनी पहलुओं की जानकारी देने के लिए समय-समय पर संगोष्ठी आयोजित की जाती हैं।साँची के होटल गेटवे रिट्रीट में आयोजित हुए संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र के अंत में पुलिस उप महानिरीक्षक अजाक आई.पी.अरजरिया ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर पुलिस उप महानिरीक्षक होशंगाबाद रेंज आर.ए.चौबे, रायसेन कलेक्टर उमाशंकर भार्गव व पुलिस अधीक्षक श्रीमती मोनिका शुक्ला तथा सहायक पुलिस महानिरीक्षक अजाक श्री विजय खत्री सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।डॉ प्रभुराम ने मार्गदर्शिका ''प्रयास'' का विमोचन भी किया। पुलिस मुख्यालय की अजाक शाखा द्वारा यह मार्गदर्शिका प्रकाशित की गई है।पुलिस अधिकारी संगोष्ठी के दूसरे दिन कल 10 जनवरी को रायसेन जिले के अनुसूचित जाति बहुल ग्राम गुलगाँव पहुँचकर ग्रामीणों से सीधा संवाद करेंगे। इस दौरान वे यह जानने की कोशिश करेंगे कि आर्थिक और सामाजिक रूप से कमजोर वर्गों के लोग पुलिस से क्या अपेक्षा रखते हैं। पुलिस और जनता के बीच सकारात्मक समझ विकसित करने के मकसद से पुलिस अधिकारियों को ग्रामीण क्षेत्र का भ्रमण कराने का निर्णय लिया गया है।इस सेमीनार का समापन कल शुक्रवार को पुलिस महानिदेशक विजय कुमार सिंह के मुख्य आतिथ्य में होगा। इससे पहले तकनीकी सत्र होंगे। पुलिस मुख्यालय की अजाक शाखा द्वारा आयोजित इस सेमीनार में प्रदेश भर से आए निरीक्षक से लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के लगभग 80 पुलिस अधिकारी शिरकत कर रहे हैं।नागवार्ता