राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Jan 10 2020 6:02PM स्वतंत्र पत्रकारिता के बिना लोकतंत्र नहीं चल सकता है-रैन्जभोपाल, 10 जनवरी (वार्ता) अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के काउंसलेट जनरल डेविड जे. रैन्ज ने कहा कि स्वतंत्र पत्रकारिता के बिना लोकतंत्र नहीं चल सकता है।श्री रैन्ज आज यहां माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय मीडिया विद्यार्थियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय संबंध, क्लाइमेट चेंज, महिला सशक्तिकरण, लैंगिक असमानता समेत कई वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि वह पत्रकारिता के चुनौतीपूर्ण और जोखिमपूर्ण पेशे का सम्मान करते हैं, स्वतंत्र पत्रकारिता के बिना कोई भी लोकतंत्र चल नहीं सकता है। स्वतंत्र और मजबूत पत्रकारिता की वजह से ही लोकतंत्र में पारदर्शिता और जनता के प्रति सरकार की जिम्मेदारी तय होती है। उन्होंने कहा कि प्रभुत्ववाद, पारदर्शिता, व्यापार, मूल्यों और एक दूसरे के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप नहीं करने के नितिगत बिंदू दोनों देशों के संबंधों के लिए महत्वपूर्ण कड़ी हैं। दोनों देशों ने संबंधों की नई उंचाइयों को छुआ है, भारत और अमेरिका दोनों भू-रणनीतिक साझीदार हैं, जिनके सांस्कृतिक मूल्यों के साथ ही आपसी हित भी विकास के लिए कॉमन हैं। भारत को तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बताते हुए उन्होने कहा कि मल्टीनेशलन कंपनियां भारत की अर्थव्यवस्था को और मजबूत करने के लिए काफी निवेश कर सकती हैं, बशर्तें भारत को अपनी व्यापार और निवेश नीतियों में प्रभावशाली बदलाव करे।उन्होंने कहा कि भारत और चीन जैसे बड़े विकासशील देशों को पर्यावरण संरक्षण में जिम्मेदारी उठाना चाहिए। भारत को नवीकरणीय उर्जा और ग्लोबल वार्मिंग को कम करने में अपनी भूमिका निभानी चाहिए। अमेरिका ने जो गलत किया उनसका अनुसरण दूसरे देश करें यह अब ठीक नहीं होगा। अमेरिका-ईरान तनाव को लेकर भारतीय हितों के संदर्भ में पूछे गए एक सवाल पर कहा कि कोई भी दो देशों के बीच टकराव पूरी दुनिया को प्रभावित करता है, इससे बचना चाहिए और इसे रोकने में भारत से उम्मीद की जा सकती है।विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक तिवारी ने कहा कि पत्रकारिता की असफलता लोकतंत्र की असफलता होगी, और सफल पत्रकारिता के लिए हमारे भावी पत्रकार विद्यार्थी जनहित में आथॉरिटी से सवाल करने के लिए तैयार होते हैं। उन्होंने पर्यावरण, बेरोजगारी और टेक्नोलॉजी उत्पन्न वैश्विक समस्याओं की चुनौतियों से निपटने में भारत-अमेरिका संबंधों की भूमिका को रेखांकित करते हुए कहा कि आने वाला समय उम्मीदों से भरा है लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं है।श्री रैन्ज अमेरिका की दक्षिण एवं मध्य एशियाई संबंध ब्यूरो में दक्षिण एशियाई देशों (भारत, बंगलादेश, नेपाल, श्रीलंका, भूटान एवं मालदीव) के कार्यकारी उप सहायक सचिव हैं। नागवार्ता