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प्रगति की दौड़ में पिछड़ गए लोगों की मदद किसी पुण्य से कम नहीं-डीजीपी

रायसेन, 10 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के पुलिस महानिदेशक विजय कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस अधिकारी मानवीय गुणों का परिचय देकर उनके मददगार बनें, जो उपेक्षित हैं और प्रगति के दौर में पिछड़ गए हैं। ऐसे लोगों की मदद किसी पुण्य से कम नहीं।
श्री सिंह आज यह बात यहां 'अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति वर्गों के प्रति संवेदनशीलता' विषय पर आयोजित हुई पुलिस अधिकारियों की दो दिवसीय राज्य स्‍तरीय सेमीनार के समापन सत्र में कही। उन्होंने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के अमल में राष्ट्रीय स्तर पर मध्यप्रदेश के अग्रणी रहने पर खुशी जाहिर की और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अजाक श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव एवं उनकी टीम को बधाई दी।
उन्होंने कहा राजधानी भोपाल की बजाय सुदूर क्षेत्र में समाज की भागीदारी के साथ पुलिस अधिकारियों की सेमीनार आयोजित कर पुलिस की अजाक शाखा ने एक अच्‍छा और सकारात्‍मक नवाचार किया है।
उन्होंने कहा अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति वर्गों के पीड़ित लोगों को न्याय दिलाकर सामाजिक विकृति दूर करने का काम भी पुलिस करती है। इसलिए पुलिस अधिकारी पूरे मनोयोग और सेवाभाव के साथ इन वर्गों के जरूरतमंद लोगों की मदद करें।
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अजाक शाखा श्रीमती प्रज्ञा ऋचा श्रीवास्तव ने कहा अजा एवं अजजा वर्ग से संबंधित प्रकरणों के विवेचक एवं पर्यवेक्षकों को व्यवहारिक रूप से दक्ष बनाने के लिए अजाक शाखा द्वारा साल में दो बार इस प्रकार की सेमीनार आयोजित की जातीं हैं। उन्होंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि उनके कार्य-व्यवहार में अजा एवं अजजा के प्रति संवेदनशीलता झलकना चाहिए।
इस कार्यक्रम में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आपदा प्रबंधन डी सी सागर, उप पुलिस महा निरीक्षक अजाक आई पी अरजरिया व पुलिस अधीक्षक रायसेन श्रीमती मोनिका शर्मा भी मौजूद थीं।
श्री सिंह ने सेमीनार के सभी प्रतिभागी पुलिस अधिकारियों को प्रमाणपत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किए। उन्होंने रायसेन की पुलिस अधीक्षक श्रीमती मोनिका शुक्ला को सेमिनार आयोजन में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए अजाक शाखा की ओर से विशेष स्मृति चिन्ह प्रदान किया।
इस बार सांची में पुलिस अधिकारियों की राज्य स्तरीय संगोष्ठी (सेमीनार)आयोजित की गई। सेमीनार के दूसरे दिन ग्राम गुलगांव में पुलिस अधिकारियों ने पहुंचकर गांववासियों से सीधा संवाद किया और उनका दृष्टिकोण समझा।
इस सेमीनार में प्रदेश भर से आए निरीक्षक से लेकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक स्तर के लगभग 80 पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया।
नाग
वार्ता
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