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किशोर बच्चों की जिज्ञासाओं का समाधान करेगी ‘उमंग’ हेल्पलाइन

भोपाल, 13 जनवरी (वार्ता) मध्यप्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने आर.सी.वी.पी. नरोन्हा प्रशासन एवं प्रबंधकीय अकादमी में ‘उमंग’ किशोर हेल्पलाइन 14425 एवं परामर्श केन्द्र का शुभारंभ करते हुए कहा कि इससे किशोर बच्चों की शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक समस्याओं और जिज्ञासाओं का समाधान होगा तथा परामर्श केन्द्रों में बच्चों की पहचान को गुप्त रखा जायेगा, ताकि वे निडर होकर अपनी बात कह सकें।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार डॉ. चौधरी ने बताया कि किशोर बच्चों को अज्ञानतावश गलत कदम उठाने से रोकने के लिये यह हेल्पलाइन और परामर्श केन्द्र स्थापित कर राज्य सरकार ने नवाचार को प्रोत्साहित किया है। 'उमंग' हेल्पलाइन 14425 निरंतर कार्य करेगी। उन्होंने बताया कि एक राज्य-स्तरीय सहित 313 विकासखण्डों पर परामर्श केन्द्र बनाये गये हैं। इन केन्द्रों पर एक ही समय में 16 से 20 कॉल अटेंड किये जायेंगे। परामर्श केन्द्र सुबह 8 बजे से रात 8 बजे तक काम करेंगे। प्रत्येक केन्द्र में दो परामर्शदाताओं के हिसाब से कुल 626 परामर्शदाताओं को नियुक्त किया गया है। यह केन्द्र 9228 हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों के बच्चों को परामर्श देंगे।
प्रमुख सचिव श्रीमती रश्मि अरुण शमी ने बताया कि स्वास्थ्य, महिला-बाल विकास, पुलिस और न्याय विभाग के सहयोग से 'उमंग' हेल्पलाइन और परामर्श केन्द्रों का संचालन किया जायेगा। हेल्पलाइन और परामर्श केन्द्र 38 लाख से भी अधिक किशोर बच्चों और उनके अभिभावकों की समस्याओं का समाधान करने में मदद करेंगे।
आयुक्त स्कूल शिक्षा श्रीमती जयश्री कियावत ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा बताये गये 10 जीवन-कौशल को ध्यान में रखते हुए हेल्पलाइन और परामर्श केन्द्र का मॉड्यूल तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान, यूएनएफटीए, भारतीय ग्रामीण महिला संघ, इंदौर और आरईसी फाउण्डेशन के सहयोग से 'उमंग' हेल्पलाइन और परामर्श केन्द्र की स्थापना की गई है। कक्षा 9वीं से 12वीं तक के सभी किशोर बालक-बालिकाओं के लिये अलग-अलग मार्गदर्शिका बनाई गई है।
स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. चौधरी ने इस अवसर पर उमंग परामर्श कौशल प्रशिक्षण मार्गदर्शिका और फ्लिप बुक तथा कक्षा 12वीं के किशोर-किशोरियों के लिये सफलता की कहानियों का विमोचन किया। यूएनएफपीए इंडिया नई दिल्ली की प्रतिनिधि सुश्री अंर्जेटीना माटावेल पिक्किन ने भी कार्यक्रम को संबोधित किया।
यू.एन.एफ.पी.ए. (संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष) के राज्य कार्यक्रम समन्वयक डॉ. निलेश देशपाण्डे ने पी.पी.टी. के माध्यम से बताया कि 'उमंग' किशोर हेल्पलाइन एवं परामर्श केन्द्रों में उच्च तकनीकी का प्रयोग किया गया है। इसमें लैंड-लाइन नंबर को मेप किया जाता है। डाटा से संबंधित सूचनाओं को रिकॉर्ड करके मासिक रिपोर्ट बनाई जा सकती है। क्लांइट के साथ लाइव चेट की जा सकेगी तथा ईमेल द्वारा भी परामर्श दिया जा सकेगा। परामर्शदाता ने कितने कॉल अटेंड किये तथा कितना समय लिया यह भी रिकॉर्ड रहेगा। प्रत्येक कॉलर की उम्र, लिंग, स्थान, कॉल का प्रकार आदि का भी रिकॉर्ड रहेगा।
विकासखण्ड स्तरीय परामर्श केन्द्रों में एक महिला एवं एक पुरूष परामर्शदाता की नियुक्ति की गई है, जिनका विशेषज्ञों द्वारा साईकोमेट्रिक टेस्ट लिया गया है। परामर्शदाताओं को टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस मुम्बई में 10 दिवसीय प्रशिक्षण दिलवाया गया। सभी परामर्शदाताओं को प्रत्येक 6 माह में प्रशिक्षण दिया जायेगा। साप्ताहिक मॉक सेशंस भी होंगे। कार्यस्थल पर परामर्शदाताओं के लिए भी साईको थेरेपी एवं रिलेक्सेशन जोन का प्रावधान किया गया है। परामर्शदाता मानसिक एवं शारीरिक बदलाव, मानसिक स्वास्थ्य, नशे की लत, गैर-संचारी रोग, भावनात्मक समस्या, पोषण, शैक्षणिक एवं करियर परामर्श, आपसी रिश्ते एवं आत्महत्या की रोकथाम आदि पर परामर्श देंगे।
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