राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Jan 21 2020 11:25AM हनीट्रैप की जांच सीबीआई को क्यों नहीं सौपी जाए - न्यायालयइंदौर, 21 जनवरी (वार्ता) हाईप्रोफाइल हनीट्रैप मामले पर दायर तीन याचिकाओं की सुनवाई करते हुए मध्यप्रदेश उच्चन्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने राज्य सरकार को नोटिस जारी कर कहा कि जांच एजेंसी आयकर विभाग को दस्तावेज सौंपे और यह बताये कि मामले की जांच आखिर क्यों केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को नहीं सौंपी जाए।हनीट्रैप प्रकरण से जुड़ी खबरों के प्रकाशन पर रोक लगाने के संबंध में दायर एक याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है। यह याचिका हनीट्रैप मामले के मुख्य शिकायतकर्ता ने दायर की थी।अतिरिक्त महाधिवक्ता कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार प्रशासनिक न्यायमूर्ति एससी शर्मा और न्यायमूर्ति शैलेंद्र शुक्ला ने हनीट्रैप मामले में दायर तीन अलग-अलग याचिकाओं की सोमवार को एक साथ सुनवाई की।अदालत ने एक जनहित याचिका पर राज्य सरकार से पूछा कि आरोप है कि हनीट्रैप मामले में विशेष जांच दल (एसीआईटी) का गठन राज्य सरकार ने किया है। राज्य सरकार अपनी मंशा के मुताबिक प्रकरण की जांच को नियंत्रित कर रही है।राज्य सरकार की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता शशांक शेखर ने बचाव करते हुए अदालत के समक्ष कहा कि मामले में एसआईटी का गठन राज्य सरकार ने नहीं किया है। इसका गठन पुलिस महानिदेशक ने किया है। जिस पर अदालत ने नोटिस जारी कर छह सप्ताह में जवाब तलब किया है।साथ ही दायर इसी जनहित याचिका की सोमवार को हुई सुनवाई के पहले आयकर विभाग ने भी एक अंतरिम आवेदन दायर कर हनीट्रैप की जांच कर रही एजेंसी से दस्तावेज सौंपे जाने की मांग की थी।अदालत को आयकर विभाग की ओर से उपस्थित अधिवक्ता ने बताया कि मामले में पुलिस पूछताछ में आरोपियों और अन्य के बीच लेन-देन होने के तथ्य सामने आए है। जिस पर अदालत ने आवश्यक दस्तावेज आयकर विभाग को आगामी दस दिनों में सौंपे जाने के आदेश दिए है।उल्लेखनीय है कि दो अलग अलग जनहित याचिका दायर कर अदालत से मांग की गई थी कि हाईप्रोफाइल हनीट्रैप प्रकरण की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराई जाए या हाईकोर्ट एक कमेटी गठित कर जांच अपनी निगरानी में कराए।उधर हनीट्रैप मामले के मुख्य शिकायतकर्ता प्रशासनिक अधिकारी (निलंबित) हरभजन सिंह ने हनीट्रैप मामले से जुड़ी खबरों के प्रकाशन पर रोक लगाने की मांग को लेकर एक याचिका पृथक से दायर की थी।जितेंद्र विश्वकर्मावार्ता