Friday, Apr 26 2024 | Time 01:54 Hrs(IST)
image
राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़


एम.पी. विजन-टू-डिलीवरी रोड मैप-2020-25 में किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करने का निर्णय

भोपाल, 21 जनवरी(वार्ता) राज्य शासन के विजन टू डिलीवरी रोडमैप 2020-25 में सहकारिता के माध्यम से किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत बनाने का निर्णय लिया गया है।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार किसानों को कृषि आदान, अल्पकालीन कृषि ऋण तथा फसलों का उचित मूल्य दिलाने के लिए सहकारी बैंकों एवं प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों को सक्रिय किया गया है। वर्तमान में इन संस्थाओं में 73 लाख से अधिक किसान सदस्यों को सहकारिता के माध्यम से कृषि आदान संबंधी सभी सुविधाएँ प्रदाय की जा रही हैं।
राज्य सरकार द्वारा सहकारी संस्थाओं की चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष एवं पारदर्शी बनाया गया है, जिससे लोकतांत्रिक ढंग से चुनाव हो सकें। ग्रामीण क्षेत्रों में नवीन रोजगार सृजन तथा उत्पादकता में वृद्धि के लिए रोजगार मूलक क्षेत्रों में नवीन सहकारी संस्थाओं का गठन किया जा रहा है।
राज्य शासन किसानों को कृषि आदानों के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण उपलब्ध करवा रहा है। वर्ष 2019-20 में 9,716 करोड़ रूपये का फसल ऋण वितरित किया जा चुका है। कालातीत ऋण वाले 4.95 लाख किसानों का ऋण माफ करने के बाद किसानों को 1633 करोड़ फसल ऋण उपलब्ध कराया गया है।
जय किसान फसल ऋण माफी योजना में 17 लाख 84 हजार किसानों के लिए 4262.68 करोड़ रूपये की राशि निर्गमित की गई है। प्रथम चरण की ऋण माफी प्रक्रिया पूर्ण हो गई है। दूसरे चरण की ऋण माफी की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कालातीत ऋणों के अंतर्गत 9 लाख 42 हजार किसानों के लिए 2275.27 करोड़ तथा अकालातीत ऋण के अंतर्गत 8 लाख 42 हजार किसानों के लिए 1987.41 करोड़ रूपये की राशि शासन द्वारा निर्गमित की गई है।
प्रदेश में व्यावसायिक बैंकों समेत समस्त बैंकों के माध्यम से कुल 63 लाख 18 हजार किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी किये गये हैं। इनमें से जिला सहकारी केन्द्रीय बैंकों के माध्यम से 37 लाख किसानों को क्रेडिट कार्ड जारी किये गये हैं। इस प्रकार योजना में सहकारी बैंकों की 50 प्रतिशत से अधिक भागीदारी सुनिश्चित की गई।
सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों को वस्तु ऋण के रूप में रासायनिक उर्वरकों एवं उन्नत बीजों का प्रदाय किया जा रहा है। प्राथमिक समितियाँ रासायनिक उर्वरकों के अग्रिम भण्डारण को प्राथमिकता दे रही हैं। वर्ष 2019-20 में सहकारी समितियों द्वारा अभी तक किसानों को 19.80 लाख मी.टन रासायनिक उर्वरकों और 2.53 लाख क्विंटल उन्नत बीज वितरित किये गये हैं।
राज्य शासन ने प्राथमिक साख समितियों एवं सहकारी बैंकों की वित्तीय स्थिति को सुदृढ़ करने के लिए 3 हजार करोड़ शासकीय अंशपूंजी सहायता स्वीकृत की है। इसमें से एक हजार करोड़ का निर्गमन किया जा चुका है। संस्थाओं को यह राशि किसानों को ऋण वितरण एवं अन्य गतिविधियों का लाभ देने के लिये उपलब्ध कराई गई है।
किसानों को सहकारी समितियों के माध्यम से फसलों का उचित मूल्य दिलाने के प्रयास शुरू किये गये हैं। इस व्यवस्था में वर्ष 2019-20 में अभी तक 73 लाख 69 हजार 549 मी.टन गेहूं तथा 5 लाख 98 हजार 28 मी.टन धान का समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया गया। इस अवधि में उपार्जित गेहूं की कुल कीमत 135549.97 करोड़ रूपये तथा उपार्जित धान की कुल कीमत 1085.42 करोड़ रूपये है।
व्यास
वार्ता
image