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बायोडाटा में उल्लेख करने के लिए किताब नहीं लिखना चाहिए - यादव

भोपाल, 29 जनवरी (वार्ता) वरिष्ठ पत्रकार और साहित्यकार मधुकर उपाध्याय ने आज कहा कि बेहतर लेखक वही है, जो साधारण तरीके से अपनी बात लोगों तक पहुंचाने में सक्षम है।
श्री उपाध्याय ने यहां माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की आेर से आयोजित वसंत साहित्य उत्सव (एमसीयू लिटरेचर फेस्टिवल) के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। इस अवसर पर अन्य वक्ता एवं विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक तिवारी भी मौजूद थे।
श्री उपाध्याय ने कहा कि लेखन का कोई एक सिद्धांत, फार्मूला या सांचा नहीं हो सकता है। उसकी कोई एक वैचारिकता भी नहीं हो सकती, जो यह स्पष्ट कर दे कि लेखन अच्छा है या बुरा। उन्होंने कहा कि बेहतर लेखक वही है, जो सहृदय है और साधारण तरीके से अपनी बात लोगों तक पहुंचाने में सक्षम है।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि और द इंडियन एक्सप्रेस के वरिष्ठ संपादक श्यामलाल यादव ने कहा कि पुस्तक लिखना चुनौतीपूर्ण कार्य है। लेखन में गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाना चाहिए। ऐसा न हो कि हम बायोडाटा में उल्लेख करने के लिए किताबें लिखें। उन्होंने कहा कि चार की बजाय एक पुस्तक लिखें, लेकिन ऐसी लिखें, जिसे हम गर्व से अपनी कह सकें।
इस अवसर पर मध्यप्रदेश के राज्य सूचना आयुक्त विजय मनोहर तिवारी ने पत्रकारिता के विद्यार्थियों से कहा कि विश्वविद्यालय की डिग्री पत्रकारिता के क्षेत्र में जाने के लिए सिर्फ 'गेटपास' का काम कर सकती है, लेकिन नौकरी सुरक्षित रखने के लिए खूब लिखने और पढ़ने की आदत डालनी पड़ेगी।
उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति दीपक तिवारी ने वसंत साहित्य उत्सव के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय साहित्य उत्सव के रूप में वसंत पंचमी मना रहा है और इसमें पूर्व विद्यार्थियों की कृतियों पर चर्चा की जा रही है, यह उनके लेखन का सम्मान है।
पत्रकारिता को सीमाओं से परे बताते हुए कुलपति ने कहा कि पत्रकारिता का काम सवाल करना, सूचनाओं को जन-जन तक पहुंचाना, भ्रांतियां दूर करना, फेक न्यूज पर रोक लगाना और वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना को जगाना है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपनी स्थापना के 30 साल पूरे होने पर इस वर्ष को उत्कृष्टता वर्ष के रूप में मना रहा है। विश्वविद्यालय की उत्कृष्टता में सभी की भागीदारी होगी, इसमें पूर्व विद्यार्थियों का भी सहयोग लिया जाएगा।
विश्वविद्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार इससे पूर्व वसंत साहित्य उत्सव का प्रारंभ वसंत राग की प्रस्तुति से हुआ। इसे रेडियो की जानीमानी कलाकार सुलेखा भट्ट और उनके साथियों ने मंत्रमुग्ध कर देने वाली शैली में प्रस्तुत किया।
इस मौके पर विश्वविद्यालय परिसर के राधेश्याम शर्मा विमर्श सदन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन पर केंद्रित 115 पोस्टरों की प्रदर्शनी का शुभारंभ अतिथियों ने किया। पोस्टरों में महात्मा गांधी के जीवन दर्शन को छायाचित्रों और टिप्पणियों के माध्यम से दर्शाया गया है।

प्रशांत
वार्ता
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