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बीजापुर जिले की रोशनी सेवाभाव से दे रही अपने काम को अंजाम

बीजापुर, 08 मार्च (वार्ता) छत्तीसगढ़ के नक्सली प्रभावित बस्तर अंचल में स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत एक महिला अपने सेवा भाव के साथ कर्तव्यपथ पर डटी हुयी है।
बीजापुर जिले के अधीन आने वाले बीजापुर विकासखंड में समन्वयक (स्वास्थ्य) के पद पर कार्यरत रोशनी इस आदिवासी अंचल में महिलाओं के प्रसव कार्य से जुड़े संवेदनशील कार्यों को भी अंजाम देती हैं और उस दौरान नक्सलियों का भय नहीं सताता है। नक्सली और जंगली इलाकों में भी रोशनी स्वास्थ्य विभाग की विभिन्न योजनाओं को मैदान में अमल में लाकर सबके लिए एक मिसाल बन गयी हैं।
इस महिला को क्षेत्र में स्वयं ही दवाइयां ले जाते हुए या फिर गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए आवश्यक संसाधन मुहैया कराते हुए आसानी से देखा जा सकता है। महिला ने हाल ही में जनवरी फरवरी माह में संचालित मलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत अकेले ही दो हजार से अधिक लोगों की मलेरिया संबंधी जांच की।
रोशनी ने बताया कि इस अंचल में मलेरिया रोग से निपटना सबसे बड़ी चुनौती है। ग्रामीणों को मलेरिया रोग के बारे में समझाकर और जागरुक बनाकर वे इस रोग से लड़ने का प्रयास कर रही हैं। ग्रामीणों को बताया जा रहा है कि मच्छरों से बचने का सबसे सरल उपाय मच्छरदानी का उपयोग करना है। इसके अलावा चिकित्सकीय मदद लेना भी इस रोग से मुक्ति में मददगार साबित होता है।
वे पिछले कई वर्षों से इस दुर्गम और नक्सली इलाके में आदिवासियों के बीच स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन की मुख्य कड़ी साबित होने के साथ ही अन्य महिलाओं के लिए एक मिसाल बन गयी हैं।
करीम प्रशांत
वार्ता
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