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बंगलूर में मौजूद आठ दस विधायकों से संपर्क का दावा किया रावत ने

भोपाल, 14 मार्च (वार्ता) मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत ने आज दावा करते हुए कहा कि बंगलूर में रुके हुए कांग्रेस विधायकों में से आठ दस विधायकों से उनका संपर्क हुआ है और वे अभी भी सरकार के पक्ष में हैं।
श्री रावत ने यहां प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस की मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा की मौजूदगी में पत्रकारों से चर्चा में यह दावा किया। अपनी राजनीति के दौरान सिंधिया परिवार के नजदीक रहे श्री रावत ने कहा कि ये विधायक काफी दबाव में हैं और वे कांग्रेस में ही रहना चाहते हैं।
यह पूछे जाने पर कि वे बंगलूर में काफी सुरक्षा के बीच रुके हुए हैं, तो फिर उनसे संपर्क कैसे हुआ, श्री रावत ने कहा कि वे अभी यह नहीं बता सकते हैं, क्योंकि ये अंदर की बात है। साथ ही श्री रावत ने कहा कि इन विधायकों को अपने समक्ष मौजूद रहने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने आज और कल अपने समक्ष बुलाया, लेकिन वे नहीं आए। यह सब दबाव का ही नतीजा है।
चंबल अंचल के वरिष्ठ कांग्रेस नेता श्री रावत ने कहा कि वे श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने के निर्णय से सहमत नहीं हैं। श्री सिंधिया को अपना भविष्य असुरक्षित लग रहा था, इसलिए वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। लेकिन वे स्वयं (श्री रावत) कभी भी कांग्रेस छोड़ने का सोच नहीं सकते हैं। वे कांग्रेस में हैं, थे और रहेंगे।
श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता दिवंगत वरिष्ठ नेता माधवराव सिंधिया के साथ कार्य कर चुके श्री रावत ने कहा कि एक बार श्री माधवराव सिंधिया ने भी कांग्रेस छोड़कर 'विकास कांग्रेस पार्टी' के नाम से नया दल बनाया था, लेकिन भाजपा जैसे दलों का दामन कभी नहीं थामा, जो फासिस्टवादी हैं।
पूर्व मंत्री श्री रावत ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है कि श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में चले गए। और उन्हें इस बात का दुख भी है। श्री सिंधिया की कांग्रेस में कमी खलने संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि कमी खलती है, तो पूर्ति भी होती है। ऐसा पहले भी अनेक नेताओं के साथ हुआ है। अन्य सवालों के जवाब में श्री रावत ने कहा कि श्री सिंधिया को मनाने का भी प्रयास हुआ। इसके अलावा कांग्रेस ने उन्हें बहुत सम्मान दिया।
इस अवसर पर मौजूद श्रीमती ओझा ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भाजपा नेता श्री सिंधिया पर कल यहां जानलेवा हमले का आरोप लगा रहे हैं, जो गलत है। इस संबंध में पुलिस ने भी कार्रवाई की है। उन्होंने आशंका जतायी कि हुड़दंग मचाने वाले कहीं भाजपा के ही कार्यकर्ता तो नहीं हैं।
श्री रावत तीन दशक से अधिक समय से राजनीति में सक्रिय हैं और वे सिंधिया परिवार के काफी नजदीकी रहे हैं। श्योपुर जिले से आने वाले श्री रावत श्री माधवराव सिंधिया के अलावा श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के भी नजदीकी रहे हैं।
प्रशांत
वार्ता
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