राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Mar 21 2020 10:01PM राजनीति भाजपा प्रजापति मोर्चा दो अंतिम भोपालश्री चौहान ने कहा कि शहडोल जिले के ब्यौहारी से भाजपा विधायक शरद कौल से दबाववश इस्तीफा लिखवाया गया था। विधानसभा की नियम प्रक्रिया के तहत वह स्वीकृत नहीं हुआ था, इसके पहले श्री कौल 16 मार्च को विधानसभा सचिवालय पहुंचे और विधिवत एक पत्र लिखकर दिया। इसमें उन्होंने दबाववश इस्तीफा लिखवाने और उसे स्वीकार नहीं करने का अनुरोध किया। श्री चौहान ने नियमों का हवाला देकर कहा कि श्री कौल ने दबाववश लिखवाया गया इस्तीफा स्वीकार नहीं करने का अनुरोध किया, इसके बावजूद अध्यक्ष, विधानसभा सचिवालय पर श्री कौल का त्यागपत्र स्वीकार करने का दबाव बना रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि विधानसभा अध्यक्ष को निष्पक्ष होना चाहिए, लेकिन वे पूरी तरह पक्षपात कर रहे हैं। वे अध्यक्ष के रूप में चुने गए थे, तब उन्हें कांग्रेस और गैरभाजपायी सदस्यों ने चुना था। लेकिन अब कांग्रेस सरकार में नहीं है और वे निष्पक्ष अध्यक्ष के समान कार्य नहीं कर रहे हैं। वे दल विशेष के कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहे हैं। श्री चौहान ने कहा कि कांग्रेस के 22 विधायकों ने त्यागपत्र दिए थे, लेकिन उनमें से सिर्फ छह स्वीकार किए गए थे। फिर बाद में सोलह त्यागपत्र स्वीकार किए। और अब युवा आदिवासी विधायक द्वारा त्यागपत्र वापस लेने के बावजूद उनका त्यागपत्र स्वीकार करने के लिए विधानसभा सचिवालय पर दबाव डाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विधानसभा 'स्लीपिंग' स्थिति में है, यानी सदन में नेता नहीं है। मौजूदा स्थितियों में अध्यक्ष ऐसा कोई नीतिगत निर्णय नहीं ले सकता है, जिससे किसी को लाभ या हानि हो। अध्यक्ष भेदभावपूर्ण, कुटिल और पक्षपातपूर्ण कार्रवाई करते हुए श्री कौल का त्यागपत्र स्वीकार कराने का प्रयास विधानसभा सचिवालय से करा रहे हैं। श्री कौल की सदस्यता समाप्त करने का षड़यंत्र कर रहे हैं। श्री चौहान ने कहा कि उन्होंने ऐसी स्थिति में राज्यपाल लालजी टंडन से अनुरोध किया है कि वे इस मामले में हस्तक्षेप करें और विधानसभा को गलत निर्णय लेने से रोकें।प्रशांतवार्ता