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14 अप्रैल तक प्रदेश की सभी अदालतें बंद

जबलपुर, 25 मार्च (वार्ता) मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए प्रदेश की सभी अदालतों को आगामी 14 अप्रैल तक बंद करने का निर्णय लिया है।
मुख्य न्यायाधीश ने देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 21 दिनों के लॉक डाउन के फैसले के बाद यह निर्णय लिया है। हाईकोर्ट सहित प्रदेश की सभी अदालतों में 21 दिनों का पूर्ण लॉकडाउन रहेगा।
इस संबंध में आज उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल राजेन्द्र कुमार वाणी ने 9 बिन्दुओं का एक परिपत्र जारी किया है।
जारी परिपत्र के अनुसार हाईकोर्ट की मुख्यपीठ जबलपुर के अलावा इन्दौर और ग्वालियर खण्डपीठों में किसी का भी प्रवेश वर्जित रहेगा। कोई भी प्रशासनिक या न्यायिक कार्य इमेल के जरिए मुख्यपीठ के रजिस्ट्रार जनरल या रजिस्ट्रार ज्यूडीशियल द्वारा दोनों खण्डपीठों के प्रिंसिपल रजिस्ट्रारों को भेजे जाएंगे।
निचली अदालतों में भी आगामी 14 अप्रैल तक प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। जिला अदालतों और फैमिली
कोर्टों के प्रमुखों को अपनी ईमेल आईडी संबंधित कोर्ट मैनेजर या प्रशासनिक अधिकारी को बताना होगी, ताकि समय आने पर किसी भी न्यायिक या प्रशासनिक कार्य के लिए उनसे संपर्क किया जा सके। किसी भी आकस्मिक सेवाओं
के लिए उच्च न्यायालय के अलावा प्रदेश की सभी निचली अदालतों में काम करने वाले अधिकारियों व कर्मचारियों को अपने-अपने जिलों में रहना होगा। किसी भी अर्जेन्ट मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस या जिला अदालतों में
संबंधित जिला सत्र न्यायाधीशों या फैमिली कोर्ट के प्रिंसिपल जज की अनुमति के बिना नहीं हो सकेगी।
अर्जेन्ट मामलों की अनुमति मिलने पर संबंधित वकील या उनके पक्षकार को बताया जाएगा कि उन्हें किस जगह पर जाकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना पक्ष रखना है। प्रदेश के सभी न्यायिक अधिकारियों व कर्मचारियों को अपने मोबाईल फोन्स को एक्टिव मोड में रखना होगा। ऐसा इसलिए ताकि जरूरत पड़ने पर उनकी सेवाएं ली जा सकें। किसी भी अप्रत्याशित परिस्थिति में ऊपर दिए गए निर्दशों के तहत उच्च न्यायालय या अन्य निचली अदालतों में काम काज हो सकेगा, लेकिन उसके पहले चीफ जस्टिस से अनुमति लेना जरूरी होगा। समय-समय पर केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले दिशानिर्देशों का सभी संबंधितों को अक्षरशः पालन करना होगा। किसी भी रूप में इन निर्देशों का उल्लंघन करने वालों को गंभीरता से लेते हुए संबंधितों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सं नाग
वार्ता
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