Friday, Apr 19 2024 | Time 21:25 Hrs(IST)
image
राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़


बिछड़े लक्ष्मी दास से आज हुई पिता की मुलाकात

बड़वानी 9 मई (वार्ता) मध्यप्रदेश महाराष्ट्र सीमा पर लॉक डाउन के उल्लंघन को लेकर रोककर शेल्टर हाउस पहुंचाए गये (मूक बधिर) दिव्यांग युवक लक्ष्मीदास की रोचक प्रयासों के चलते आज 10 वर्ष बाद उसके छत्तीसगढ़ निवासी पिता से अविस्मरणीय मुलाकात हुई।
जिले के सेंधवा के समीप जामली स्थित शेल्टर हाउस में 4 अप्रैल से ठहराये गए 25 वर्षीय युवक लक्ष्मीदास से आज दोपहर छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले के दर्री थाना क्षेत्र के स्याहीमूड़ी निवासी उसके पिता इतवार दास माणिकपुरी की मुलाकात का क्षण वहां उपस्थित शासकीय अमले को भावुक कर देने वाला था।
राजस्व निरीक्षक वीके यादव ने बताया कि दरअसल 4 अप्रैल को लॉक डाउन का उल्लंघन कर मध्यप्रदेश महाराष्ट्र सीमा से बड़वानी जिले में प्रवेश करने का प्रयास कर रहे 61 मजदूरों को सेंधवा ग्रामीण पुलिस द्वारा सेंधवा के समीप जामली स्थित शासकीय छात्रावास (शेल्टर हाउस) में लाया गया था। जब सभी के बारे में जानकारी एकत्रित की जा रही थी तब एक मूक बधिर युवक के बारे में जानने में काफी परेशानी हुई। उसने बड़ी मुश्किल से अपना नाम एक कागज पर मलतू उराव लिखा। उसके सरनेम से आभास हुआ कि वह छत्तीसगढ़ का रहने वाला है।
सेंधवा वृत्त के आयकर अधिकारी युवराज ठाकुर की ड्यूटी भी शेल्टर हाउस में लगी हुई थी। उन्होंने उसे मध्यप्रदेश और आसपास के अन्य राज्यों का नक्शा दिखाया जिससे यह समझ में आया कि वह छत्तीसगढ़ का निवासी है। ठाकुर ने बताया कि उन्होंने 12 अप्रैल को छत्तीसगढ़ के कोरबा में पदस्थ पूर्व परिचित डिप्टी कलेक्टर अजय उराव को उसका फोटो तथा बड़वानी जिले के जामली में रहने की जानकारी प्रेषित की। इसके अलावा उन्होंने भोपाल व पारिवारिक ग्रुप, बिलासपुर के चार्टर्ड अकाउंटेंट ग्रुप व अन्य सोशल मीडिया के माध्यमों में इसे शेयर किया।
20 अप्रैल को राजस्व निरीक्षक वीके यादव को फोन आया कि उक्त लड़के के पिता को ढूंढ लिया गया है। वीडियो कॉल में परिवार के सदस्यों ने लक्ष्मी दास को और लक्ष्मी दास ने उन्हें पहचान लिया और इसके बाद वे उसके परिवार से वीडियो कॉल के माध्यम से बातचीत कराने लगे।
आज उसे लेने आए इतवार दास माणिकपुरी ने बताया कि यह उनकी जिंदगी का सबसे खुशी का दिन है। उन्होंने बताया कि आज से करीब 10 वर्ष पहले 3 दिसम्बर 2010 को मजदूरों के साथ लक्ष्मी दास कहीं चला गया था और कई स्थानों पर ढूंढने के बाद नहीं मिलने पर दर्री थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई गई थी। उसकी मां कई वर्ष तक रोती रही और जब वीडियो के काल के माध्यम से उन्होंने पुत्र को देखा तो हर्षातिरेक से भर गई।
उन्होंने बताया कि उसके गले का तिल और माथे पर चोट का निशान से लक्ष्मीदास हो गए तत्काल पहचान गए। उन्होंने सवाल किया कि भला एक पिता अपने पुत्र को क्यों नहीं पहचानेगा?
उन्होंने बताया कि उन्हें पास मिलने में बड़ी दिक्कत हुई और वह विभिन्न लोगों की सहायता से 2 हफ्ते से ज्यादा समय लगाकर कल रात्रि जामली पहुंचे।
सं नाग
वार्ता
More News
मध्यप्रदेश में मतदान समाप्त, औसतन लगभग 70 प्रतिशत लोगों ने डाले वोट

मध्यप्रदेश में मतदान समाप्त, औसतन लगभग 70 प्रतिशत लोगों ने डाले वोट

19 Apr 2024 | 7:57 PM

भोपाल, 19 अप्रैल (वार्ता) लोकसभा चुनाव के पहले चरण में मध्यप्रदेश में आज छह संसदीय सीटों के लिए मतदान शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गया और कुल एक करोड़ 13 लाख से अधिक मतदाताओं में से लगभग सत्तर प्रतिशत लोगों ने अपने मताधिकार का उपयोग किया। यह आकड़ा अभी और बढ़ने के आसार हैं।

see more..
image