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छत्तीसगढ़ से होकर जाने वाले श्रमिको की आवभगत में भूपेश सरकार ने झोंकी ताकत

रायपुर, 17 मई(वार्ता)लगातार लाकडाउन के चलते कई राज्यों में प्रवासी मजदूरों के साथ हो रहे उपेक्षापूर्ण बर्ताव की खबरों के बीच छत्तीसगढ़ सरकार राज्य की सीमाओं पर पहुंचने वाले सभी श्रमिकों के लिए चाय, नाश्ते, भोजन की सुविधा, स्वास्थ्य परीक्षण एवं परिवहन की निःशुल्क व्यवस्था कर उऩके दुख दर्द पर काफी हद तक मरहम लगाने में जुटी है।
आधिकारिक सूत्रों ने आज यहां यूनीवार्ता को बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर राज्य की सीमाओं पर पहुंचने वाले सभी प्रवासी श्रमिकों को छत्तीसगढ़ का मेहमान मानते हुए शासन-प्रशासन के लोग उनके सेवा-सत्कार में शिद्दत से जुटे हुए हैं।राज्य सरकार एक और मानवीय पहल कर सभी प्रवासी श्रमिको एवं उनके बच्चो को तपती धूप में उनके जलते नंगे पांवों को राहत देने के लिए चरण पादुका (जूते-चप्पल) भी निःशुल्क मुहैया करवा रही है।
श्रमिकों की सहायता में राज्य के स्वयं-सेवी, समाज सेवी संस्थाओं, उद्योग और व्यापारिक संगठनों के लोग भी बराबर की साझेदारी निभा रहे हैं।राज्य के सभी बार्डर इलाके के चेकपोस्ट पर अन्य राज्यों से कष्टदायक सफर तय कर पहुंचने वाले श्रमिकों के लिए छत्तीसगढ़ शासन ने सिर्फ भोजन एवं पेयजल की ही व्यवस्था नही की है, बल्कि निःशुल्क बस के जरिय़े श्रमिकों को राज्य की सीमा तक पहुंचाने का भी प्रबंध किया है।
राज्य की महाराष्ट्र से जुड़ी बाघनदी सीमा पर महाराष्ट्र, आंघ्र प्रदेश, तेलंगाना, मध्यप्रदेश, राजस्थान आदि राज्यों के विभिन्न जिलों से यहां पहुंचने वाले प्रवासी श्रमिकों को सकुशल उनके राज्य की सीमा तक पहुंचाने के लिए 100 बसों की व्यवस्था छत्तीसगढ़ शासन ने की है। बाघनदी बार्डर पर पहुंचने वाले अधिकांश प्रवासी श्रमिक झारखण्ड, बिहार, उत्तर प्रदेश, ओड़िशा, पश्चिम बंगाल के है, जो छत्तीसगढ़ होते हुए अपने गृह राज्य जा रहे हैं।
साहू
जारी.वार्ता
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