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मध्यप्रदेश में कोरोना को लेकर स्थिति नियंत्रित - सुलेमान

इंदौर, 01 जून (वार्ता) मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने आज दावा करते हुए कहा कि राज्य में कोरोना वायरस 'कोविड-19' के कुल एक्टिव केस के आधे मामले इंदौर में हैं, जिन्हें शासन-प्रशासन ने नागरिकों के सहयोग से नियंत्रित कर लिया है।
श्री सुलेमान ने यहां इंदौर संभागायुक्त कार्यालय में एक प्रेस वार्ता में कहा कि इंदौर की तुलना में अन्य महानगरों जैसे दिल्ली, मुबई की स्थिति चिंताजनक है। उन्होंने कहा 'मैं दावे से कह सकता हूँ कि इन संक्रमण प्रभावित शहरों की तुलना में इंदौर बेहतर स्थिति में हैं।'
श्री सुलेमान ने इससे पहले यहां कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लोक स्वास्थ्य सेवाओं की जारी अग्रिम तैयारियों का जायजा भी लिया। उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुये कहा कि कोरोना के मुख्य केंद्र बने इंदौर में शासन प्रशासन ने अपने स्तर पर कोविड 19 से भविष्य की संभवित चुनौतियों से पार पाने की तैयारी शुरू कर दी है।
उधर इंदौर जिले में कथित तौर पर कम सैम्पल जांचे जाने की क्षमता संबंधी प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि मार्च के शुरू में प्रदेश में हमारी 60 सैम्पल प्रति दिन टेस्ट करने की क्षमता थी, जो आज बढ़कर 6121 तक जा पहुंची है। उन्होंने दावा किया कि आने वाले समय में प्रदेश की टेस्टिंग क्षमता 15000 तक ले जाने के प्रयास जारी हैं।
उन्होंने स्वीकारते हुये कहा कि प्रारम्भ में जरूर आधुनिक तकनीक से लैस नहीं होने से हमारी कोविड-19 की जांच क्षमता कम थी। लेकिन अब इंदौर में 1400 टेस्ट प्रतिदिन हो सकते हैं।
श्री सुलेमान ने कहा कि सैम्पल जांचने के लिये दुनिया की सबसे अच्छी मशीन 'कोबास 8800' खरीदने का ऑर्डर दिया जा चुका है। इस मशीन की डिलीवरी इंदौर में ही होगी। उन्होंने विस्तृत जवाब देते हुये कहा कि लेकिन जांच के लिए हमारी क्षमता कोबास मशीन पर ही निर्भर नहीं है। हम अपनी क्षमता बढ़ा रहे हैं। इंदौर जिले के आसपास के शहरों में उज्जैन,खंडवा, रतलाम में प्रयोगशाला शुरू हो चुकी हैं। इससे इंदौर की प्रयोगशाला में भार कम होगा।
अनलॉक वन के बाद संक्रमितों की संख्या बढ़ने की आशंका संबंधी सवाल के जवाब में श्री सुलेमान ने कहा कि प्रदेश में एेहतियातन अलग अलग कैटेगरी के अस्पताल में 60 हजार बिस्तर की व्यवस्था की गयी है। साथ ही सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन पाइप लाइन डालने का काम शुरू हो चुका है। वर्तमान में 6000 ऑक्सीजन बेड की क्षमता है, जिसे बढाकर 14000 किया जाने के प्रयास जारी हैं।
कोविड 19 संक्रमित मरीजों के स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दिये जाने के साथ उनके उपचार सम्बन्धी दस्तावेज नहीं सौंपे जाने के प्रश्न पर श्री सुलेमान ने कहा कि हर मरीज को उसकी डिस्चार्ज समरी सौंपी जानी चाहिये। यदि ऐसा नहीं हो रहा है, तो स्थानीय प्रशासन को इस मामले में निर्देशित किया जाएगा। उसे क्या इलाज दिया गया है और अब क्या सावधानी रखनी है, जैसी मूलभूत जानकारी मरीज को मिलना चाहिए।
इंदौर में केंद्र सरकार के आदेश के बाद चल रहे 'डेथ ऑडिट स्टेट्स' संबंधी सवाल पर उन्होंने कहा कि सामान्यत: यह देखा गया है कि कोविड 19 से जुड़े मृतकों की मौत में दो बातें सामने आयी हैं। या तो कोविड मरीज 50 वर्ष से अधिक आयु के साथ अन्य बीमारियों से पहले से ही ग्रसित था या फिर उसे उपचार देर से मिला। ऐसे मामलों में मरीज के अस्पताल पहुँचने के पहले ही उसके फेफड़ों में संक्रमण फ़ैल चुका था, जिस कारण उसकी मौत हुयी।
कोरोना वारियर्स के सुरक्षा किट और उपकरणों की कमी के प्रश्न पर श्री सुलेमान ने कहा कि पीपीई किट और एन95 मास्क की डिलीवरी भारत सरकार से निशुल्क मिलती है, जो हम सब जिलों में भेजते हैं। उन्होंने अाश्वस्त किया कि हमारे पास पर्याप्त मात्रा में सुरक्षा उपकरण हैं।
जितेंद्र प्रशांत
वार्ता
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