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मौजूदा समय चिंतन और नवाचार का - टंडन

भोपाल, 01 जून (वार्ता) मध्यप्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने आज कहा कि कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न संकट का समय चिंतन और नवाचार का है। सारा देश एकजुट होकर एकात्म भाव से इस संकट का आज समाधान ढूंढ रहा है।
श्री टंडन ने पंडित शंभुनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय शहडोल के तृतीय स्थापना दिवस के मौके पर आयोजित वेबीनार के उदघाटन सत्र में यह बात कही। उन्होंने कहा कि आज सभी एक दूसरे का सहयोग कर रहे हैं। इस भाव को देख कर लगता है कि देश में अद्वैतवाद का पुनर्जागरण हो रहा है।
श्री टंडन ने कहा कि कोरोना संकट के दुष्प्रभाव से निपटने के लिए प्रधानमंत्री ने अपने उद्बोधन के माध्यम से देशवासियों को सलाह दी। लॉक डाउन के कारण उत्पन्न परिस्थितियों का सामना करने का हौंसला बढ़ाया, वह सराहनीय है। उन्होंने कहा कि लॉक डॉउन के दौरान जो प्रतिबंध लगे थे अब वे धीरे-धीरे हट रहे हैं, लेकिन अभी कोरोना वायरस का खतरा टला नहीं है। हमें सावधानियां बरतनी होगी। धीरे-धीरे हम इस संकट से निजात पा लेंगे।
उन्होंने कहा कि आवश्यकता आत्मनुशासन बनाए रखने की है। संयम और धैर्य से काम लेना है। उन्होंने कहा कि इस संकटकाल के बाद नई संस्कृति का जन्म होने वाला है। हमारी जिम्मेदारी बनती है कि हम अपनी क्षमता और योग्यता के साथ स्व-प्रेरित होकर भारत के विकास को नई दिशा देने के लिये कार्य करें।
वेबीनार में रीवा, चित्रकूट और शिमला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति ए.डी.एन वाजपेयी ने स्वदेशी आत्मनिर्भरता और राष्ट्रवाद विषय पर अपनी अवधारणा प्रस्तुत करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के कारण उत्पन्न संकट के समय में हमें प्रधानमंत्री की देशवासियों से आत्मनिर्भरता की अपील पर अपनी योजनाओं का क्रियान्वयन करना होगा। इसके लिए स्वदेशी आचरण अपनाकर हमें क्षेत्रगत विशेषताओं को ध्यान में रखकर अपने उत्पादन का निर्माण करना होगा।
पंडित एस.एन शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफ़ेसर मुकेश तिवारी ने स्वागत वक्तव्य में बताया कि पांच दिवसीय इस आयोजन में कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए मेडिटेशन, हाइजीन एवं पब्लिक हेल्थ, शासकीय योजनाएं एवं मीडिया से चर्चा के साथ-साथ कोरोना वारियर्स का सम्मान किया जाएगा।
प्रशांत
वार्ता
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