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स्व-सहायता समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना जाएगा: शिवराज

भोपाल, 23 जून (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में स्व-सहायता समूह बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। इन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाना हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। बैंक ऋण का लक्ष्य निर्धारित करें। बैंकों की वार्षिक साख योजना में एसएचजी कंपोनैंट को पृथक से दर्शाया जाए।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री चौहान आज यहां मंत्रालय में बैंकों की राज्य स्तरीय समिति की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में महिला स्व-सहायता समूहों को कम से कम ब्याज दर पर विभिन्न आर्थिक गतिविधियों के लिए बैंक ऋण दिलवाने के लिए योजना बनाई जा रही है। योजना के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा ब्याज अनुदान दिए जाने का प्रावधान किया जा रहा है, जिससे महिला स्व-सहायता समूहों को अधिकतम 4 प्रतिशत ब्याज ही देना पड़े। इस मौके पर उन्होंने बैंकों की वार्षिक साख योजना 2020-21 का विमोचन भी किया।
मुख्यमंत्री ने बैंकर्स से कहा कि वे नए युवा उद्यमियों को 2 करोड़ रूपये तक का ऋण, उनसे बिना कोलेटरल गारंटी लिए, उपलब्ध कराएं। अभी यह देखने में आ रहा है कि जो पहले से व्यवसाय कर रहे हैं उन्हीं को अधिकतर बैंक ऋण दे रही हैं। योजना में राज्य सरकार गारंटी दे रही है। इसलिए आवेदक से कोई भी गारंटी संबंधी दस्तावेज न लिए जाएं।
वीसी में मुख्यमंत्री एवं बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों ने महिला स्व-सहायता समूहों की सदस्यों से सीधे बातचीत कर उनकी समस्याएं जानीं। मुख्यमंत्री ने उनकी समस्याओं के त्वरित निराकरण के निर्देश बैंक अधिकारियों को दिए। वीसी में ज्योति मीणा सीहोर ने बताया कि स्वीकृत होने के बाद भी उनके समूह को 3 वर्ष हो गए पर बैंक से ऋण नहीं मिला है। इस पर श्री चौहान ने इसे गंभीरता से लेते हुए बैंक मैनेजर से स्पष्टीकरण लेने तथा समूह को तुरंत ऋण वितरित किए जाने के निर्देश दिए। इस दौरान श्री चौहान ने अन्य लोगों की समस्याएं भी सुनी।
बताया गया कि वर्तमान में स्व-सहायता समूह को ऋण दिया जाता है उसकी अलग-अलग बैंकों की अलग-अलग ब्याज दरें हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि ब्याज दर में एकरूपता हो। साथ ही इनके लिए ब्याज दर कम से कम हो।
एसीएस मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि मध्यप्रदेश में इस वर्ष स्व-सहायता समूहों को बैंकों द्वारा केवल 300 करोड़ का ऋण उपलब्ध कराया गया है। इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बहुत कम है। महिलाओं के स्व-सहायता समूह को अधिक से अधिक ऋण विभिन्न गतिविधियों के लिए दिलाया जाए। सेन्ट्रल बैंक ऑफ इंडिया के एमडी एवं सीईओ पल्लव महापात्र ने स्व-सहायता समूहों की गतिविधि बढ़ाने के प्रयासों के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि महिला स्व-सहायता समूह सबसे अच्छे ऋण ग्रहीता होते हैं।
श्री चौहान ने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा कोविड-19 से निपटने के लिये जारी किये गये पैकेज का नकद लाभ हितग्राहियों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से भेजा गया है। सभी बैंकों द्वारा मिलकर बी.सी. एजेंट्स के माध्यम से प्रदेश की जनता को घर पहुँच सेवा उपलब्ध कराई गई है। बीसी एजेंट्स द्वारा गत ढाई माह में कुल 224 लाख ट्रांजेक्शंस करते हुए 5254 करोड़ रूपये की राशि का वितरण किया गया है।
आत्मनिर्भर पैकेज में मुख्यत: एमएसएमई क्षेत्र के लिये 29 फरवरी 2020 को कुल शेष ऋण का 20 प्रतिशत ऑटोमेटिक कार्यशील पूंजी ऋण स्वीकृत किया जाना है। बैंकों द्वारा कुल बकाया खाते 9.96 लाख में से मात्र 2.96 लाख खातों को ही पात्र पाया गया है। अभी तक बैंकों द्वारा 2.96 लाख पात्र खातों में से 58 हजार 097 खातों में ऑटोमेटिक कार्यशील पूंजी ऋण स्वीकृत किया गया है, परन्तु मात्र 28 हजार 744 खातों में ही ऋण वितरण हो सका है। सभी बैंकों से अपेक्षा है कि सभी पात्र खाताधारकों को उनकी आवश्यकता के अनुरूप तत्काल ऋण स्वीकृत कर निर्गमित करें।
मुख्यमंत्री ने बैंकर्स से कहा कि आत्मनिर्भर पैकेज के तहत भारत सरकार द्वारा तनावग्रस्त एमएसएमई के लिये 20 हजार करोड़ रूपये के सहायक ऋण की व्यवस्था भी की गई है, जिससे ऐसी इकाईयों को पुर्नजीवित किया जा सके। इससे बैंकों के एनपीए में कमी आ सकेगी और रोजगार के नये अवसर भी उपलब्ध हो सकेंगे। प्रदेश में इस योजना अंतर्गत अभी तक प्रगति निरंक है।
श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा सड़कों पर व्यवसाय करने वाले छोटे-छोटे व्यापारियों के लिये प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना प्रारंभ की गई है। मध्यप्रदेश में कुल 5 लाख स्ट्रीट वेण्डर्स को इस योजना का लाभ दिया जाना है जिसमें प्रति हितग्राही अधिकतम 10 हजार रूपये का ऋण होगा। भारत सरकार द्वारा 7 प्रतिशत की दर से ब्याज अनुदान भी उपलब्ध कराया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना अंतर्गत लाभ लेने वाले हितग्राहियों को किसान क्रेडिट कार्ड जारी करने के निर्देश हैं। प्रदेश में लगभग 75 लाख किसान इस योजना अंतर्गत पंजीकृत किये गये हैं। प्रदेश में कुल 62 लाख किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये गये हैं। लगभग 13 लाख ऐसे किसान हैं जिन्हें किसान क्रेडिट कार्ड जारी किये जाना है, जिसके विरूद्ध मात्र 2.16 लाख किसानों के आवेदन स्वीकृत किये गये हैं।
बघेल
वार्ता
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