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छह जुलाई से हर घर में बजेगी स्कूल की घंटी

भोपाल, 27 जून (वार्ता) मध्यप्रदेश के अनेकानेक घरों में स्कूल की घंटी 6 जुलाई से सुनाई देगी। बच्चे पढेंगे, योग करेंगे, लिखेंगे और कहानियॉ भी सुनेंगे और उन पर नोट्स तैयार करेंगे।
कोरोना संकट काल में विद्यार्थियों की शैक्षिक नियमितता बनाए रखने के लिए, राज्य शिक्षा केन्द्र ने ‘हमारा घर-हमारा विद्यालय’ योजना तैयार की है, जिसमें बच्चों को घर पर ही स्कूली वातावरण में अध्यापन कराया जाएगा।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार योजना का शुभारंभ आज मंत्रालय में फेसबुक लाइव कार्यक्रम के माध्यम से प्रमुख सचिव रश्मि अरुण शमी ने किया। ऑनलाइन कार्यक्रम मे सहभागी एक लाख से अधिक शिक्षकों और अन्य सहयोगियों को संबोधित करते हुए श्रीमती शमी ने कहा कि बच्चे हर अवसर से कुछ न कुछ सीखते हैं। अगर बच्चा अपने पिता के साथ खेत में बोनी करने भी जाता है तो भी वह एक नया हुनर प्राप्त करता है और इस काम में दूरी और माप की गणितीय शिक्षा तथा पर्यावरण की शिक्षा प्राप्त करता है।
उन्होंने कहा कि हर कार्य उन्हें अनुभव प्रदान करता है। विभाग का दायित्व है कि स्कूल बंद होने पर भी बच्चों को हर तरह से सीखने में सहयोग करें। उन्होंने पालकों से आव्हान किया है कि बच्चों को घर पर भी अध्ययन का वातावरण उपलब्ध कराएं। उन्हें घर में ही एक उचित स्थान दें जहाँ वे बिना किसी व्यवधान के अपनी पढ़ाई कर सकें। ''हमारा घर-हमारा विद्यालय'' योजना ऐसी ही एक भावनात्मक पारिवारिक पहल है जो बच्चों को परिवार के सहयोग से घर पर ही पढ़ाई को सुचारु रखने में सहयोगी होगी।
आयुक्त राज्य शिक्षा केन्द्र लोकेश कुमार जाटव ने बताया कि, ‘हमारा घर-हमारा विद्यालय’ योजना प्रदेश के कक्षा 1 से 8 तक के विद्यार्थियों के लिए बनाई गई है। विद्यार्थी अब अपने घर पर ही विद्यालय के वातावरण में पढ़ाई कर सकेंगे। घर के स्कूल में प्रातः 10 बजे पालक द्वारा घण्टी/थाली बजाकर स्कूल प्रारम्भ किया जाएगा, इसी प्रकार दोपहर एक बजे घण्टी/थाली बजाकर अवकाश किया जाएगा।
इससे बच्चों को घर में ही विद्यालय का आभास होगा। राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा एक सुझावात्मक समय-सारणी भी पालकों और विद्यार्थियों को उपलब्ध कराई जा रही है, जिसके अनुसार सोमवार से शुक्रवार प्रातः 10 से दोपहर एक बजे तक विषयानुरुप अध्ययन होगा तथा शनिवार को मस्ती की पाठशाला के तहत मनोरंजनात्मक गतिविधियां आयोजित की जायेंगी। वहीं शाम को 2 घंटे विद्यार्थी अपने पारिवारिक बड़े-बुजुर्गों से कहानियां सुनकर उन पर नोट्स तैयार करेंगे और योग तथा अन्य खेलकूद की गतिविधियों का आयोजन अपने घर पर ही करेंगे।
कोरोना संकटकाल की स्थिति में छात्रों के निर्बाध सीखने की प्रक्रिया को सुनिश्चित करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने कई कार्यक्रम शुरू किए हैं जैसे व्हाट्स एप के माध्यम से डिजिलेप- यानी डिजिटल लर्निंग इन्हांसमेंट प्रोग्राम, रेडियो के माध्यम से रेडियो स्कूल, दूरदर्शन मध्यप्रदेश पर क्लास रूम का प्रसारण, पिछले साल की दक्षता उन्नयन वर्कबुक का ग्रीन जोन में वितरण तथा शिक्षकों द्वारा बच्चों को दैनिक आधार पर फोन से संपर्क करना और उनकी पढाई में सहायता करना आदि प्रमुख हैं। इसी कड़ी में अब ‘हमारा घर हमारा विद्यालय’ कार्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है।
बघेल
वार्ता
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