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शिवराज ने मंत्रियों से वन-टू-वन चर्चा में विभागों की प्राथमिकताएं निर्धारित कीं

भोपाल, 23 जुलाई (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रीगणों से वन-टू-वन चर्चा कर विभाग की प्राथमिकताएं निर्धारित कीं। उन्होंने कहा कि चर्चा में तय हुए बिन्दुओं पर विभाग अपना रोडमेप तैयार करें तथा समय-सीमा निर्धारित कर इन बिन्दुओं का क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा है कि इन बिन्दुओं पर अगले माह पुन: विभागवार समीक्षा की जाएगी।
श्री चौहान ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम, विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री ओमप्रकाश सकलेचा को प्रदेश में सिंगल सिटीजन डेटाबेस तैयार कराने के निर्देश दिये है। प्रदेश में नागरिकों तथा उद्योगों को दी जा रही सेवाओं के लिए एकीकृत पोर्टल भी विकसित किया जाएगा। शासकीय कामकाज में आर्टिफीशियल इंटैलिजैंस जैसी नई तकनीक का उपयोग आरंभ करने के निर्देश भी दिए गए है। प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिए प्रयास बढ़ाने के क्रम में उद्योग केन्द्रों की व्यवस्थाओं को निजी क्षेत्र के सहयोग से विश्व स्तरीय बनाने व साइबर सिक्यूरिटी की रणनीति बनाने का कार्य भी समय-सीमा में पूर्ण किया जाना है। मुख्यमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज से एम.एम.एम.ई. के लिए लाभ प्राप्त करने के लिए जारी गतिविधियों की समीक्षा के निर्देश भी दिए गए।
मुख्यमंत्री ने लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी से चर्चा के दौरान स्वास्थ्य सेवाओं की पुख्ता रणनीति विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला स्तर पर अस्पतालों तथा स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने और उनके स्तर में सुधार लाने के लिए कार्ययोजना विकसित करने के निर्देश दिए। चिकित्सा शिक्षा, भोपाल गैस त्रासदी राहत एवं पुनर्वास मंत्री विश्वास सारंग से वन-टू-वन चर्चा में मुख्यमंत्री श्री चौहान ने मेडिकल कॉलेजों की अधोसंरचना और सेवाओं को निरंतर बेहतरी के लिए कार्य करने की आवश्यकता बताई।
किसान कल्याण तथा कृषि विकास राज्य मंत्री गिर्राज डण्डौतिया से चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने मंडी अधिनियम के संशोधित प्रावधानों को तत्काल लागू करने के निर्देश दिए। श्री चौहान ने कहा कि शासकीय मंडियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सुधार आवश्यक हैं। वन-टू-वन चर्चा में बीमा योजना के एंड-टू एंड कम्प्यूटराईजेशन, मोटे अनाज और फसल विविधिकरण के प्रोत्साहन और कृषि उत्पादों की उपयुक्त मार्केट लिंकेज स्थापित करने के कार्य को गति देने की आवश्यकता बताई।
श्री चौहान ने पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री डॉ. महेन्द्र सिंह सिसोदिया से चर्चा में जल संरक्षण कार्यों के क्रियान्वयन, मनरेगा तथा महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से रोजगार सृजन और पीएमजीएसवाय की सड़कों के संधारण पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता बताई।
मुख्यमंत्री ने ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर से चर्चा में विद्युत बिलों में दी गई छूट उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए जारी कार्यवाही की लगातार समीक्षा की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि बिजली सब्सिडी सही व्यक्ति को मिले यह सुनिश्चित करना आवश्यक है। घरेलू तथा व्यवसायिक क्षेत्र में 24X7 बिजली तथा कृषि क्षेत्र में 10 घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए।
श्री चौहान ने चर्चा के दौरान नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा, पर्यावरण मंत्री हरदीप सिंह डंग को सौर ऊर्जा क्षेत्र में लगातार प्रगति तथा पर्यावरणीय स्वीकृति की व्यवस्था की लगातार समीक्षा एवं कार्यप्रणाली का एंड-टू-एंड कम्प्यूटराइजेशन करने के निर्देश दिए।
श्री चौहान ने चर्चा के दौरान औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री राजवर्धन सिंह प्रेम सिंह दत्तीगांव को प्रदेश में निवेश आमंत्रित करने के लिए लगातार प्रयास करने, सिंगल विंडो का सही मायने में क्रियान्वयन करने, अनुमतियों की प्रक्रिया का सरलीकरण एवं कम्प्यूटराईजेशन करने तथा औद्योगिक केंद्रों की व्यवस्था को विश्वस्तरीय बनाने के लिए कहा।
मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार), नर्मदा घाटी विकास विभाग राज्यमंत्री भारत सिंह कुशवाहा को एफपीओ (कृषक उत्पादक समूहों) को बढ़ावा देने, 2024 तक एनवीडीए/नर्मदा जल आधारित परियोजनाओं को पूरा करने तथा उद्यानिकी फसलों के लिए मार्केट लिंकेज स्थापित किये जाने के प्रयास करने के निर्देश दिए।
श्री चौहान ने चर्चा के दौरान स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार), सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री, इंदर सिंह परमार को ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी गुणवत्ता वाले स्कूल स्थापित करने एवं बच्चों को स्कूल ले जाने के लिए अच्छी परिवहन व्यवस्था, हाईस्कूल /हायरसेकेंड्री स्कूलों की अधोसंरचना में सुधार करने के निर्देश दिए।
श्री चौहान ने चर्चा के दौरान पशुपालन विभाग, सामाजिक न्याय विभाग मंत्री प्रेम सिंह पटेल को पशुपालन से किसानों की आय कैसे बढ़े इसकी रणनीति बनाने, दुग्ध उत्पादक कृषकों को केसीसी प्रदान करने, सामाजिक सुरक्षा पेंशन वितरण की लगातार समीक्षा करने, दिव्यांगों की विशेष आवश्यकताओं के लिए सी.एस.आर. (कंपनियों का सीएसआर मद) से प्रदेश में विश्वस्तरीय केंद्र स्थापित करने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान उच्च शिक्षा मंत्री श्री मोहन यादव को प्रदेश में कम से कम एक विश्वविद्यालय और 5 महाविद्यालयों को राष्ट्रीय स्तर की प्रथम 100 संस्थाओं में लाने की रणनीति बनाने के निर्देश दिए।
श्री चौहान ने चर्चा के दौरान लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी विभाग राज्य मंत्री बृजेन्द्र सिंह यादव को समूह ग्रामीण नल जल योजना (जल निगम) की योजनाओं का क्रियान्वयन तथा सुरक्षित/स्वच्छ पेयजल घर-घर में उपलब्ध हो इसकी रणनीति बनाना (जल जीवन मिशन) के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान लोक निर्माण विभाग राज्यमंत्री सुरेश धाकड़ को "चंबल प्रोग्रेस वे" परियोजना की लगातार समीक्षा, भवन निर्माण कार्यों की गुणवत्ता /समयसीमा में पूर्ण किए जाकर लगातार समीक्षा, निजी क्षेत्र के सहयोग से बड़ी परियोजनाओं की परिकल्पना करना तथा सड़क निर्माण कार्यों की लगातार समीक्षा करने के निर्देश दिए।
श्री चौहान ने समीक्षा के दौरान आयुष (स्वतंत्र प्रभार) जल संसाधन राज्यमंत्री रामकिशोर (नानो) कांवरे को आयुष अस्पताल की व्यवस्था में सुधार तथा आयुष के इलाजों को घर घर तक पहुंचाने की रणनीति बनाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने समीक्षा के दौरान पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), विमुक्त घुमक्कड एवं अदर्धघुमक्क्ड जनजाति कल्याण (स्वतंत्र प्रभार), पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग राज्य मंत्री, रामखेलावन पटेल को मनरेगा के माध्यम से रोजगार सृजन, जल संरक्षण कार्यों का क्रियान्वयन, महिला स्व सहायता समूहों के माध्यम से रोजगार के अवसर, मनरेगा के माध्यम से टिकाऊ अधोसंरचना का विकास तथा पीएमजीएसवाई की सड़कों का सुधार आदि के निर्देश दिए।
नाग
वार्ता
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