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कोरोना पर नियंत्रण के लिए समाज को भी निभाना होगी भूमिका - सुलेमान

भोपाल, 02 अगस्त (वार्ता) मध्यप्रदेश के स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव मोहम्मद सुलेमान ने आज कहा कि कोरोना वायरस कोविड 19 पर नियंत्रण के लिए राज्य सरकार सभी संभव प्रयास कर रही है और इन प्रयासों में समाज को भी अपनी भूमिका निभाना होगी।
श्री सुलेमान ने यहां पत्रकारों से चर्चा में यह बात कही। इस मौके पर अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल के निदेशक डॉ सरमन सिंह, राज्य के जनसंपर्क आयुक्त डॉ सुदाम खाड़े और अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
श्री सुलेमान ने कहा कि कोरोना संक्रमण को रोकने और संक्रमित व्यक्तियों के समुचित उपचार के सभी प्रबंध किये जा रहे हैं। कोरोना के लक्षण वाले संदिग्ध व्यक्ति की समय पर पहचान, क्वारेंटाइन की व्यवस्था और समय पर जांच की प्राथमिकताओं पर प्रदेश में कार्य हो रहा है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कोरोना नियंत्रण एवं उपचार के लिये किये जा रहे है, लेकिन इन प्रयासों में समाज को भी अहम् भूमिका निभाना होगी। प्रदेश में अब रेपिड एंटीजन टेस्ट प्रारंभ किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी के संक्रमण को फैलने से रोकने का कारगर उपाय यही है कि सभी सावधानियां अपनाकर कोरोना की चेन को तोड़ा जाए। लॉकडाउन स्थायी उपाय नहीं है। इससे अर्थव्यवस्था रुकने और लोगों की आजीविका बंद होने से अनेक समस्यायें पैदा होती हैं।
श्री सुलेमान के मुताबिक बेहतर तो यही है कि आमजन कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए आवश्यक सावधानियां रखें और गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें। बगैर जरुरी काम के भीड़भाड़ वाले स्थानों पर न जाएं और घर से निकलते वक्त मास्क अवश्य लगायें। उन्होंने बताया कि प्रदेश में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में कई स्तरों पर सुधार किया गया है। जांच क्षमता को 600 प्रति दस लाख से बढ़ाकर 9334 प्रति दस लाख किया गया है।
उन्होंने बताया कि प्रत्येक जिले में फीवर क्लीनिक, टेस्टिंग क्षमता बढ़ाना और क्वारेंटाइन सेंटर का संचालन प्राथमिकता से किया जा रहा है। साथ ही ''आई.आई.टी.टी.'' पर आधारित कार्यनीति यानी कोरोना संक्रमित व्यक्ति को आइडेंटीफाई करना, आइसोलेट करना, टेस्ट करना और ट्रीट करने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। ऐसा करने से कोरोना नियंत्रण की दिशा में प्रभावी कार्य हो रहा है।
श्री सुलेमान ने दावा करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के मामले में मध्यप्रदेश में स्थिति बेहतर है। प्रारंभ में प्रदेश, देश में तीसरे-चौथे स्थान पर था। अब एक्टिव केसेस के मामले में प्रदेश 15वें स्थान पर आ गया है। मृत्यु दर में भी सुधार हुआ है। यह 10.3 प्रतिशत से घटकर 2.7 प्रतिशत हुई है। देश के एक्टिव केसेस की संख्या में प्रदेश का हिस्सा केवल 1.6 प्रतिशत है।
एम्स के निदेशक डॉ. सरमन सिंह ने बताया कि कोरोना ऐसे लोगों पर ज्यादा असर करता है, जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो अथवा जिनकों ह्रदय या फेफडों से संबंधित बीमारी हो। साथ ही कोरोना वायरस बच्चों और बुजुर्गों को भी जल्दी संक्रमित करता है। डॉ. सिंह ने बताया कि प्रारंभिक दौर में कोरोना संक्रमण का इलाज आसानी से हो जाता है, जबकि रोग बढ़ने पर मरीज को बचाना मुश्किल होता है। इसलिए जैसे ही सर्दी, खांसी-जुकाम के लक्षण हों, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।
डॉ सिंह ने कहा कि प्रारंभिक दौर में मरीज का होम क्वारेंटाइन में ही इलाज किया जा सकता है। डॉ. सिंह ने जानकारी दी है कि भोपाल, उज्जैन और इंदौर में सीरो सर्विलान्स अर्थात रेपिड एंटीजन टेस्ट प्रारंभ किये जा रहे हैं। इससे कम समय में ज्यादा संख्या में टेस्ट किये जा सकेंगे। इनका परिणाम भी जल्दी प्राप्त होगा।
इस बीच आधिकारिक सूत्रों ने बताया है कि प्रदेश में अस्पतालों की ''बेड कैपेसिटी'' को बढ़ाया गया है। जनरल बेड की संख्या 2428 से बढ़ाकर 24 हजार 560 की गयी है। ऑक्सीजन युक्त जनरल बेड की संख्या 5983 है, जिसे 31 अगस्त तक 7910 तक बढ़ाया जाएगा। 'एच.डी.यू.' बेड 1188 हैं, जिन्हें इस माह के अंत तक 2204 तक बढ़ाया जायेगा। आई.सी.यू बेड की संख्या को 537 से बढ़ाकर 681 की गई है, जिसे इस माह के अंत तक 1606 किया जा रहा है।
फिलहाल जनरल बेड और ऑक्सीजन युक्त जनरल बेड की कुल क्षमता का 22 प्रतिशत उपयोग हो रहा हैं। वहीं 29.9 प्रतिशत आई.सी.यू बेड का कोरोना के इलाज में इस्तेमाल हो रहा है। इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक श्रीमती छवि भारद्वाज भी उपस्थित थीं।
प्रशांत
वार्ता
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