राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Aug 30 2020 11:22PM मध्यप्रदेश बारिश शिवराज दो अंतिम भोपालश्री चौहान ने कहा कि वे तथा मुख्य सचिव, डी.जी.पी. आदि निरंतर बाढ़ की स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। आज दोपहर उनके द्वारा प्रदेश के 06 जिलों का हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ की स्थिति को देखा। कल रातभर वे जागकर बाढ़ की स्थिति की पूरे प्रदेश से जानकारी लेते रहे। कई गांवाँ से सीधे उनके पास फोन आए। रातभर बचाव कार्य चला। रात में ढाई बजे ग्राम नरेला से 5 व्यक्तियों को निकाला गया। भोपाल कमिश्नर एवं आई.जी. रात में नाव से 2 किलोमीटर ग्राम सोमलवाड़ा गए एवं लोगों को बचाया।उन्होंने निर्देश दिए है कि बाढ़ राहत के लिए सभी जिलों में बनाए गए नियंत्रण कक्षों के साथ ही राज्य स्तरीय कॉल सेंटर 1079 तथा डायल-100 चौबीस घंटे कार्य करें तथा समस्या आते ही तुरंत निदान करें। भोपाल स्तर से जो भी मदद चाहिए तुरंत मिलेगी। जिन क्षेत्रों में बाढ़ नहीं है वहां के संसाधनों का बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में इस्तेमाल किया जाए।उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण पेयजल स्त्रोतों, तालाबों, कुओं आदि में गंदा पानी भर गया है। ऐसे में स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाना सर्वोच्च प्राथमिकता है। हैण्ड पंप का पानी अपेक्षाकृत शुद्ध होगा, अत: उसका अधिक इस्तेमाल हो। पेयजल को शुद्ध करने के लिए उसमें क्लोरीन आदि दवाओं का समुचित उपयोग हो। लोग गंदा पानी ना पीएं, यह जागरूकता आवश्यक है। इसके अलावा पानी को छानकर तथा उबालकर शुद्ध बनाया जा सकता है।उन्होंने निर्देश दिए कि नगरों सहित सभी ग्रामीण डिपो होल्डर्स के पास सभी आवश्यक दवाइयां उपलब्ध हों। स्वास्थ्य अमला विशेष चौकन्ना रहे तथा डेंगू, मलेरिया, हैजा आदि बीमारियों से बचाव के सभी इंतजाम करे। दवाओं का आवश्यक छिड़काव करें। नालों आदि की गाद निकालना, सड़कों आदि की साफ-सफाई, बिजली आपूर्ति आदि सभी मूलभूत सेवाओं की निर्बाध आपूर्ति गांवों में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा नगरों में नगरीय विकास विभाग सुनिश्चित करें। जानवरों के लिए चारे आदि की व्यवस्था के साथ ही मृत जानवरों को तत्परता के साथ हटाने की कार्रवाई हो।श्री चौहान ने निर्देश दिए कि राजस्व विभाग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में फसलों आदि की क्षति का आकलन वैज्ञानिक तरीके से करें, जिससे फसल बीमा की राशि मिलने में दिक्कत न आए। जान-माल की क्षति का तुरंत आकलन कर आर.बी.सी. 6/4 के अंतर्गत सहायता दें। साथ ही किसानों को बताया जाए कि वे 31 अगस्त तक फसल बीमा करवा सकते हैं।विश्वकर्मावार्ता