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राष्ट्रीय मोदी गरीब दो अंतिम भोपाल

श्री मोदी ने अपने संबोधन से पहले इंदौर जिले के सांवेर निवासी परंपरागत तरीके से झाड़ू बनाकर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले छगनलाल नाम के व्यक्ति और उसकी पत्नी से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा की। छगनलाल ने संक्षेप में बताया कि कोरोना संकट के कारण उसका परंपरागत व्यवसाय बंद हो गया था। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना से उसे लगभग दस हजार रुपए की सहायता मिली और अब वो परंपरागत तरीके से झाड़ू बनाने का कार्य फिर से करने लगा है।
श्री मोदी ने छगनलाल काे सुझाव दिया कि वर्तमान में 'रीसाइक्लिंग' का दौर है और इस बात का वह अपने व्यवसाय के दौरान ध्यान रख सकता है। उन्होंने उदाहरण देते हुए समझाया कि पुराने समय में परिवार की महिला साड़ी पुरानी होने पर उसे फेकती नहीं थी। पहले साड़ी के वस्त्र का उपयोग वह गद्दा आदि बनाने के कार्य में करती और फिर उसके और अधिक पुराने हो जाने पर उसका ही पोंछा बना लेती थी। इस तरह वर्तमान में भी रीसाइक्लिंग का दौर है। प्रधानमंत्री ने छगनलाल को अपने बच्चों के अध्ययन पर भी विशेष जोर देने का सुझाव दिया।
श्री मोदी ने इसके बाद ग्वालियर निवासी स्ट्रीट वेंडर श्रीमती अर्चना शर्मा से संवाद किया। इस अवसर पर उसकी पुत्रियां अंशी और आकांक्षा भी मौजूद थीं। श्री मोदी ने महिला के साथ ही बच्चों से उनकी अभिरुचियां जानीं और फिर उसके बीमार पति से भी बात की। महिला ने बताया कि पति का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण फिलहाल वह इलाज कराते हुए अधिकांश समय घर पर बिताते हैं और वह स्वयं चाट का ठेला लगाकर आजीविका की व्यवस्था करती है। महिला ने बताया कि उसके पति का इलाज आयुष्मान योजना के तहत किया जा रहा है।
श्री मोदी ने महिला की सराहना करते हुए कहा कि उसका आत्मविश्वास देखने लायक है। वे दोहरी भूमिका निभाती हुयीं घर और बाहर दोनों का कार्य संभाल रही हैं। उन्होंने उनके पति के शीघ्र पूर्ण स्वस्थ होने की कामना की और कहा कि जब तक वे पूरी तरह स्वस्थ नहीं हो जाते, उन्हें इलाज कराना चाहिए और आवश्यक ऐहतियात बरतना चाहिए।
श्री मोदी ने इसके बाद रायसेन जिले के सांची नगर निवासी भागचंद कुशवाह से चर्चा की। श्री कुशवाह ने बताया कि वे जैविक सब्जियां उगाकर उन्हें बेचने का कार्य करते हैं। प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का लाभ लेकर वह वापस अपना व्यवसाय शुरू कर रहे हैं। श्री मोदी ने उन्हें जैविक सब्जियों के इस व्यवसाय को बढ़ाने का सुझाव देते हुए कहा कि बैंक इत्यादि उन्हें मदद करेंगे। श्री मोदी ने कहा कि जिन हितग्राहियों से उन्होंने बातचीत की, उनका आत्मविश्वास भी सराहनीय है।
श्री मोदी ने कहा कि वे डिजिटल लेनदेन को हमेशा प्रोत्साहित करते हैं, क्योंकि आने वाला समय इसी का है और यह सरल और पारदर्शी भी है। एक समय था जब देश में गरीबों को कागजी कार्रवाई के कारण बैंक तक जाने में डर लगता था, लेकिन अब दृढ़ता के कारण गरीब बैंक भी पहुंच रहे हैं और डिजिटलाइजेशन के कारण उनके खाते में पैसा सीधा जा रहा है।
श्री मोदी ने बताया कि मौजूदा सरकार ने 40 करोड़ निम्न मध्यमवर्गीय लोगों के जनधन खाते खुलवाए। इन्हें आवास मुहैया कराए जा रहे हैं। कोरोना संकट के दौरान 20 करोड़ से अधिक बहनों के खातों में 31 हजार करोड़ रुपयों से अधिक राशि जमा करायी गयी। दस करोड़ से अधिक किसान परिवारों के खातों में 94 हजार करोड़ रुपयों से अधिक की धनराशि सीधे भेजी गयी। उन्होंने सरकार की ओर से उठाए गए अन्य कदमों के बारे में भी बताया।
प्रशांत
वार्ता
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