राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Sep 12 2020 6:08PM केन्द्रीय अध्ययन दल ने प्रदेश में जारी राहत कार्यो की सराहना कीभोपाल, 12 सितम्बर (वार्ता) मध्यप्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ से हुए नुकसान का जायजा लेने आए केन्द्रीय अध्ययन दल ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने में दिखाई गई तत्परता और प्रदेश में जारी राहत कार्यों की सराहना की है। केन्द्रीय अध्ययन दल ने अतिवृष्टि और बाढ़ से सर्वाधिक प्रभावित जिलों रायसेन, सीहोर, होशंगाबाद, हरदा, देवास के भ्रमण के उपरांत मंत्रालय में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस के साथ हुई बैठक में यह विचार व्यक्त किए। दल के सदस्यगण ने कहा कि यह अभिभूत करने वाला तथ्य है कि इतनी अतिवृष्टि और बाढ़ की स्थिति के बावजूद कोई जनहानि नहीं होने दी गई। फसलों, मकानों, पशुधन का नुकसान हुआ है, पर बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को यह विश्वास है कि उनको हुए नुकसान की भरपाई होगी और राज्य सरकार जल्द से जल्द व्यवस्थाओं को पुन: स्थापित करेगी। दल ने जिला स्तर पर बाढ़ राहत प्रबंधन की प्रशंसा की। मुख्य सचिव श्री बैंस ने कीटव्याधि से हुए फसलों के नुकसान के आकलन के लिए पृथक से केन्द्रीय दल को शीघ्र-अतिशीघ्र प्रदेश के दौरे पर भेजने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि इससे दल प्रभावित फसलों का प्रत्यक्ष अवलोकन कर सकेगा। जिससे केन्द्र शासन को नुकसान के व्यवहारिक आकलन और राहत के उपयुक्त निर्धारण में सहायता मिलेगी।केन्द्रीय अध्ययन दल के सदस्यगण ने कहा कि जिलों के भ्रमण से प्रारंभिक रूप से स्पष्ट है कि बड़े पैमाने पर फसलों, मकानों, पशुधन तथा अधोसंरचना का नुकसान हुआ है। खेतों में पानी भरने से सोयाबीन के साथ-साथ धान की फसल खराब हुई है। अतिवृष्टि और बाढ़ से नुकसान के अलावा कीटव्याधि ने फसलों को अधिक नुकसान पहुंचाया है। इसके पृथक से आकलन की आवश्यकता है। अतिवृष्टि के बाद निरंतर बनी अवर्षा की स्थिति, भीषण गर्मी और उमस के परिणामस्वरूप कीटव्याधि ने सोयाबीन की फसल को दीर्घकालिक नुकसान पहुंचाया है। स्टेंम फ्लाय कीट का दो बार आक्रमण हुआ। इससे सोयाबीन की उत्पादकता कम रहेगी। इसके साथ ही उड़द भी प्रभावित हुई है। आवश्यकता होने पर दल एक बार पुन: प्रदेश भ्रमण पर आएगा।संयुक्त सचिव केन्द्रीय गृह मंत्रालय आशुतोष अग्निहोत्री के नेतृत्व में आए केन्द्रीय अंर्तमंत्रालयीन दल में केन्द्रीय वित्त मंत्रालय के संचालक सुभाषचन्द्र मीणा, केन्द्रीय कृषि मंत्रालय के संचालक डॉ. ए.के. तिवारी, केन्द्रीय जलशक्ति मंत्रालय के अधीक्षण यंत्री मनोज तिवारी, केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय के अधीक्षण यंत्री सुमित कुमार और केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय के संचालक (एनआरएलएम) सौरभ कुमार दुबे सम्मिलित हैं। बैठक में राज्य के कृषि उत्पादन आयुक्त के.के. सिंह, अपर मुख्य सचिव जल संसाधन एस.एन. मिश्रा, प्रमुख सचिव किसान कल्याण अजीत केसरी, प्रमुख सचिव राजस्व मनीष रस्तोगी तथा अन्य अधिकारी उपस्थित थे।नागवार्ता