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प्रत्याशियों के चुनाव खर्च पर रखी जायेगी सख्ती से नजर

भोपाल, 15 सितम्बर (वार्ता) मध्यप्रदेश में विधानसभा उप निर्वाचन-2020 में भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रत्याशियों के चुनाव खर्च पर सख्ती से नजर रखी जायेगी। प्रत्याशी अपना चुनाव खर्च आयोग द्वारा निर्धारित 28 लाख रुपये की सीमा तक ही कर सकेंगे।
यह जानकारी भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली के डायरेक्टर विक्रम बत्रा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित दो-दिवसीय प्रशिक्षण में संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों एवं रिटर्निंग अधिकारियों को दी।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मध्यप्रदेश में 27 विधानसभा क्षेत्रों के उप-निर्वाचन के लिये सभी संबंधित 18 जिलों के कलेक्टर्स एवं जिला निर्वाचन अधिकारियों और रिटर्निंग अधिकारियों को निर्वाचन व्यय निगरानी, कोविड-19 गाइड-लाइन, आदर्श आचरण संहिता, मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनीटरिंग कमेटी तथा सोशल मीडिया द्वारा कैम्पेन आदि विषय पर भारत निर्वाचन आयोग के विषय-विशेषज्ञों द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया गया।
आयोग के डायरेक्टर श्री बत्रा ने कहा कि एक्सपेंडीचर मॉनीटरिंग मशीनरी द्वारा प्रत्याशियों के चुनाव प्रचार की हर गतिविधि के खर्च पर नजर रखी जायेगी। इसके लिये एक्सपेंडीचर ऑब्जर्वर, सहायक एक्सपेंडीचर ऑब्जर्वर, फ्लाइंग स्क्वेड्स एण्ड स्टेटिक सर्विलांस टीम, वीडियो सर्विलांस टीम, वीडियो व्यूविंग टीम, एकाउंटिंग टीम, एक्साइज टीम और मीडिया सर्टिफिकेशन एण्ड मॉनीटरिंग कमेटी को शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि 10 लाख रुपये या उससे अधिक की नकदी चुनाव क्षेत्र में पकड़ी जाती है, तो आयकर विभाग द्वारा कार्यवाही की जायेगी। प्रत्याशियों के चुनाव खर्च को कोई भी व्यक्ति संबंधित निर्वाचन कार्यालय में एक रुपये का शुल्क जमा कर अवलोकन कर सकता है। साथ ही भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित शुल्क जमा कर प्रमाणित प्रति भी प्राप्त कर सकता है।
आयोग की डायरेक्टर सुश्री मोना श्रीनिवास ने कहा कि कोविड-19 के संबंध में स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी को ध्यान में रखकर विधानसभा उप-चुनाव सम्पन्न कराया जायेगा। मतदान-केन्द्रों पर कोविड-19 की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जायेंगे। मतदाताओं को लाइन में लगने के लिये 6 फीट की दूरी पर गोले बनाये जायेंगे। प्रत्येक मतदाता का थर्मल स्क्रीनिंग द्वारा तापमान लिया जायेगा। यदि किसी मतदाता का तापमान अधिक आता है, तो उसका दोबारा तापमान लिया जायेगा। इसके बाद भी तापमान अधिक आने पर उसे मतदान के आखिरी घंटे में मतदान करने के लिये टोकन प्रदान किया जायेगा। प्रत्येक मतदान-केन्द्र में एक हजार से ज्यादा मतदाता नहीं होंगे। इससे अधिक मतदाता होने पर सहायक मतदान-केन्द्रों की व्यवस्था की जायेगी। मतदान-केन्द्रों पर सेनेटाइजर आदि का इंतजाम रहेगा।
प्रशिक्षण में लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम-1951, कंडक्ट ऑफ इलेक्शन रूल्स-1961, इण्डियन पैनल कोड-1860, आयकर नियमों एवं भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों का समावेश किया गया। प्रशिक्षण में सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को कम्पलेंट मॉनीटरिंग सेल-1950 का प्रचार-प्रसार करने की समझाइश दी गई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में निर्वाचन कार्यालय मध्यप्रदेश के एनआईसी कक्ष में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीमती वीरा राणा, अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अरुण तोमर, संयुक्त मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी धरणेन्द्र कुमार जैन, उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी प्रमोद शुक्ला, श्रीमती दिशा प्रणय नागवंशी, प्रोग्रामर प्रभाष जैन सहित अन्य अधिकारी शामिल हुए।
नाग
वार्ता
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