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श्री चौहान ने कहा कि 'रोटी बनाओ-कंडा थापो की जगह बेटा-बेटी बराबर मानो' की सोच स्थापित करने और बेटियों के प्रति समाज की मानसिकता बदलने के लिए लाड़ली लक्ष्मी योजना आरंभ की गयी थी। मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि जिन बेटियों को में गोद में लेकर एनएससी दी वे आज 9वीं 10वीं कक्षा में पढ़ रहीं हैं और डॉक्टर व कलेक्टर बनने का सपना देख रहीं हैं। बेटियों को बराबरी के अवसर उपलब्ध कराने के लिये हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। इसी उद्देश्य से उनके जन्म से लेकर रोजगार और विवाह तक हर स्तर पर उनकी सहायता व कल्याण के लिये योजनाएँ संचालित की गयी हैं। श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में बालिकाओं एवं महिलाओं के विरूद्ध हिंसा सहन नहीं की जाएगी। ऐसी कृत्य करने वालों के विरूद्ध सख्त से सख्त कार्यवाही होगी। बेटियों, बहनों और माताओं का सम्मान, सुरक्षा और समानता का भाव सर्वोपरि है।
श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के 8 लाख कुपोषित अथवा कम पोषित बच्चों के लिए मीठे दूध पाउडर का वितरण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिवस से आरंभ किया जा रहा है। प्रतिदिन दूध के सेवन से यह कुपोषित बच्चे जल्द ही सुपोषित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में विभिन्न गांवों में आए प्रवासी मजदूरों द्वारा निर्मित 601 आंगनवाड़ी भवनों का सिंगल क्लिक से लोकार्पण भी किया। उन्होंने पोषण रणनीति का प्रभावी क्रियान्वयन कर प्रदेश को एनीमिया व कुपोषण से मुक्त करा कर विकास की ओर अग्रसर करने तथा सुपोषित प्रदेश बनाने के लिए पोषण संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत 6 साल तक के बच्चों के प्री-प्रायमरी एजुकेशन की जिम्मेदारी अब आंगनवाड़ियों को सौंपी जा रही है।
मंत्रालय में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास अशोक शाह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे। महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती इमरती देवी ने आंगनवाड़ी केन्द्रों को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित करने की आवश्यकता बतायी।
श्री चौहान ने इस अवसर पर प्रदेश के विभिन्न स्थानों की बालिकाओं और महिलाओं से भी बातचीत की। उन्होंने आंगनवाड़ी संचालन, लाड़ली लक्ष्मी योजना के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने श्योपुर जिले की पांडोला ग्राम पंचायत की कक्षा 6वीं की विद्यार्थी सुश्री दीया सुमन से बात की। लाड़ली लक्ष्मी योजना की हितग्राही दीया 6वीं कक्षा में पढ़ती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान के दीया से पूछा कि वह बड़ी होकर क्या बनना चाहती है। दीया ने कहा कि मामा मैं तो कलेक्टर बनूंगी। श्री चौहान ने कहा कि सबसे बड़ी ताकत प्रयास करने में है, तुम मन से कोशिश करो सफलता अवश्य मिलेगी।
ग्वालियर जिले के डबरा विकासखंड की सहोना ग्राम पंचायत की कक्षा 9वीं की बालिका खुशी परिहार से मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बातचीत की। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे वह समय याद आ रहा है जब रायसेन में छोटी सी बेटी को गोद में लेकर मैंने पहली एन.एस.सी. प्रदान की थी। आज यह बेटियां कक्षा 9वीं, 10वीं में पढ़ रही हैं। यह क्षण मेरे लिए व्यक्तिगत संतोष और अपार प्रसन्नता का क्षण है। खुशी ने मुख्यमंत्री से कहा कि वह बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां चाह होती है वहीं राह निकलती है।
मुख्यमंत्री ने ग्वालियर जिले के डबरा विकासखंड की ग्राम पंचायत सहोना के आंगनवाड़ी जाने वाले बालक बलदेव यादव की माँ श्रीमती पूजा यादव से बात की। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने श्रीमती पूजा यादव से पूछा कि आंगनवाड़ी समय पर खुलती है या नहीं। उन्होंने यह भी पूछा कि आंगनवाड़ी से पोषण आहार का जो पैकेट मिलता है, वो बलदेव को खिलाती भी हो या कहीं पटक देती हो। उन्होंने कहा कि बच्चे के खान-पान में पोषण का ध्यान जरूरी है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने पूजा सहित सभी बहनों को बच्चों का टीकाकरण समय पर कराने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि बच्चों और माताओं के स्वास्थ्य के लिए यह जरूरी है।
बड़वानी जिले के पाटी विकासखंड की ग्राम पंचायत ओसाड़ा के आशीष सस्ते की माँ राहाबाई ने मुख्यमंत्री श्री चौहान को स्क्रीन पर देखते से ही कहा 'राम-राम मामा'। मुख्यमंत्री ने राहाबाई से आशीष के खान-पान की जानकारी ली। उन्होंने कहा कि अब आंगनवाड़ी में बच्चों के लिए दूध पाउडर देना भी शुरू कर रहे हैं।
श्री चौहान ने तेजस्विनी समूह की श्रीमती रेखा पन्द्राम से कहा कि तुमने तो कोंदो कुटकी की पहचान देश-दुनिया में बना दी। डिंडौरी के स्व-सहायता समूह से बातचीत के दौरान श्रीमती रेखा पन्द्राम ने बताया कि कोंदो कुटकी से बने बर्फी, बिस्किट आदि की बिक्री मध्यप्रदेश पर्यटन के माध्यम से हो रही है। एक यूनिट को एक माह में 20 से 25 हजार रूपए का शुद्ध लाभ होता है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के अन्य स्व-सहायता समूहों को इससे प्रेरणा लेकर स्थानीय खाद्य सामग्री से पौष्टिक आहार बनाने के लिए पहल करने को कहा।
नाग
वार्ता
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