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एक्टिव केस नहीं बढ़े इसके होने चाहिए प्रयास: शिवराज

भोपाल, 19 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में जिलों में स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप भी उपाय कर एक्टिव केस न बढ़ें, इसके प्रयास किए जाएं।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार श्री चौहान आज प्रदेश में कोरोना की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि व्यापारी समुदाय से चर्चा कर बाजारों में दुकानों के खुलने के समय को सीमित करते हुए सप्ताह में एक अथवा दो दिन स्वैच्छिक रूप से आधे अथवा पूरे दिन के‍ लिए बाजार को बंद रखने की व्यवस्था की जा सकती है ताकि संक्रमण का फैलाव न हो। वायरस का स्प्रेड रोकने का जिम्मा हम सभी का है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग के सभी उपाय अनिवार्य रूप से अपनाए जाएं। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जिन जिलों का प्रभार देख रहे हैं वहां रेडक्रास, निजी अस्पताल और अन्य स्वास्थ्य केन्द्रों से समन्वय कर होम आइसोलेशन के रोगियों की बेहतर सेवा के प्रयास करें।
श्री चौहान ने आज हुई बैठक में प्रदेश के प्रत्येक जिले की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि कोरोना के उपचार के लिए कोई राशि नहीं ली जा रही है। समाज का बहुत बड़ा वर्ग यह राशि नहीं दे सकता। अस्पतालों में दाखिल होने वाले समाज के समर्थ तबके के रोगियों को उपचार लाभ प्राप्त करने के पश्चात स्वैच्छिक रूप से चिकित्सा देयक का भुगतान करना चाहिए।
श्री चौहान ने कहा कि वे स्वयं चिरायु अस्पताल भोपाल में प्राप्त उपचार की राशि जमा कर रहे हैं। उन्होंने समाज के सम्पन्न वर्ग से अपील की कि वे बिना तकलीफ के यदि इलाज की राशि दे सकते हैं तो इसके लिए आगे आना चाहिए। यह समूचे स्वास्थ्य तंत्र, चिकित्सा संस्थान और समाज के लिए दिया गया सहयोग होगा।
बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में रोगियों के उपचार और देखरेख कार्यों की विस्तार से समीक्षा की। श्री चौहान ने कहा कि समस्त फीवर क्लीनिक कारगर तरीके से संचालित हों। ऑक्सीजन और अन्य व्यवस्थाओं को भी सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि पल्स ऑक्सीमीटर के उपयोग को सुनिश्चित किया जाए। होम आइसोलेशन व्यवस्था की सशक्त मॉनीटरिंग भी की जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि रोगियों के इलाज और देखरेख की बेहतर व्यवस्था करने वाले निजी अस्पतालों को आवश्यक सहयोग भी किया जाए। इस अवसर पर कमांड एण्ड कंट्रोल केन्द्रों द्वारा होम आइसोलेशन के रोगियों की सतत् मॉनीटरिंग के दायित्व निर्वहन की जानकारी भी ली गई। बैठक में बताया गया कि प्रदेश में 02 से 16 सितम्बर के पखवाड़े में पॉजीटिविटी रेट 8.9 रहा। इसके साथ ही फैटेलिटी रेट 2.0 प्रतिशत रहा, जो निरंतर कम हो रहा है। देश में एक्टिव रोगियों की संख्या के मान से मध्यप्रदेश 14वें क्रम पर है। मध्यप्रदेश का रिकवरी रेट 76.8 प्रतिशत कई प्रदेशों से बेहतर है।
श्री चौहान ने कलेक्टर्स को निर्देश दिए कि भीड़ एकत्र होने वाली गतिविधियों को नियंत्रित किया जाए। वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए इस वर्ष गरबा के आयोजन नहीं करने का निर्णय लिया गया है। इसके साथ ही दुर्गात्सव में पूर्व में भेजे निर्देशों के अनुरूप चल समारोह न निकालने, दुर्गाजी की प्रतिमा की ऊंचाई छह फीट की सीमा में रखने, झाँकी में पंडाल का साइज 10×10 फीट की सीमा में रखने और दस लोगों की सीमित संख्या में विसर्जन में उपस्थिति के अनुरूप व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने को कहा गया।
उन्होंने इंदौर की समीक्षा के दौरान कहा कि यदि व्यापारी बंधु दुकानों के खुलने की सीमा स्वयं तय कर लें तो इंदौर एक आदर्श प्रस्तुत कर सकता है। स्प्रेड रोकने में और खतरा कम करने की दृष्टि से यह अनुकरणीय होगा। कलेक्टर, इंदौर ने जानकारी दी कि वर्तमान में इंदौर में ऑक्सीजन संबंधी कोई समस्या नहीं है। रोगियों के लिए पर्याप्त बेड भी उपलब्ध हैं।
पॉजीटिव और संदिग्ध रोगियों के लिए 7073 बेड की क्षमता के मुकाबले 1681 बेड का उपयोग हो रहा है जो पूरी क्षमता का 24 प्रतिशत है। आई.सी.यू. बेड भी कुल क्षमता 325 के मुकाबले 281 उपयोग में आ रहे हैं जो क्षमता का 86 प्रतिशत है। व्यापारियों द्वारा दुकानों के खुलने की अवधि को कम करने की सहमति मिल रही है जिससे संक्रमण का विस्तार रोकने में सहयोग मिलेगा।
बैठक में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ,प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री मनीष रस्तोगी और आयुक्त जनसंपर्क डॉ सुदाम खाडे उपस्थित थे।
बघेल
वार्ता
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