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पीएमटी घोटाले मामले में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के संचालक आरोपी

भोपाल, 21 सितंंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश सरकार ने आज विधानसभा में स्वीकार किया कि लगभग एक वर्ष पहले सितंबर 2019 में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से ''पीएमटी 2012'' के संबंध में विशेष न्यायालय में प्रस्तुत आरोपपत्र (चालान) में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में पीएमटी के माध्यम से भर्ती में अनियमितताओं को लेकर निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के संचालकों और अधिकारियों को आरोपी बनाया है।
राज्य के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने सदस्य प्रताप ग्रेवाल के सवाल के लिखित जवाब में यह बात स्वीकार की है। गृह मंत्री ने कहा कि व्यापमं प्रकरण की जांच करने वाली सीबीआई भोपाल से प्राप्त जानकारी के अनुसार उसकी ओर से पीएमटी 2012 से संबंधित विशेष न्यायालय में प्रस्तुत चालान में निजी चिकित्सा महाविद्यालयों में पीएमटी के माध्यम से भर्ती में फर्जीवाड़े को लेकर चार निजी चिकित्सा महाविद्यालयों के मालिक और अधिकारियों को आरोपी बनाया गया।
मंत्री ने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा रिट पिटीशन के संबंध में नौ जुलाई 2015 को जारी आदेश के परिपालन में व्यापम संबंधी प्रकरणों की अग्रिम विवेचना सीबीआई को हस्तांतरित किये जाने से एसटीएफ द्वारा आगे की कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि सीबीआई कार्यालय (व्यापम केसेस) भोपाल के एक पत्र के माध्यम से प्राप्त जानकारी अनुसार पीएमटी 2004 से 2013 तक फर्जीवाड़े की विवेचना सीबीआई द्वारा की जा रही है। मध्यप्रदेश के एसटीएफ द्वारा पीएमटी 2012 एवं पीएमटी 2013 में फर्जीवाड़े के माध्यम से भर्ती पर पंजीबद्ध अपराध की विवेचना भी सीबीआई को सुपुर्द की जा चुकी है।
उन्होंने श्री ग्रेवाल के इसी से संबंधित सवालों के जवाब में कहा कि सीबीआई ही इन मामलों की जांच कर रही है।
प्रशांत
वार्ता
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