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अतिथि विद्वानों के भविष्य को लेकर सरकार संवेदनशील है-यादव

सागर 23 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में लंबे समय से कार्यरत अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण को लेकर शासन स्तर पर कमेटी बनाई गई है। जिससे कि लोक सेवा आयोग के माध्यम से भविष्य में होने वाली सहायक प्राध्यापकों की भर्ती में अतिथि विद्वानों को लाभ मिल सके।
डॉ यादव आज यहां पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 517 शासकीय महाविद्यालय संचालित हो रहे हैं, जिसमें 10 हजार प्राध्यापकों की जरूरत है। वर्तमान में 6 हजार 500 नियमित शिक्षक शिक्षिकाओं के माध्यम से अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। साथ ही विभाग द्वारा अतिथि विद्वानों और स्ववित्तीय पाठ्यक्रम में अध्यापन कार्य कराया जा रहा है। अतिथि विद्वानों के भविष्य को लेकर सरकार संवेदना रखती है। लोक सेवा आयोग से चयनित और स्थानांतरण के कारण फालेन आऊट 832 अतिथि विद्वान पुनः लिये गए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में 20 एक्लीलैंस कालेजों को ए ग्रेड में लाने की तैयारी है। वर्तमान में एक मात्र एक्सीलैंस कॉलेज भोपाल को ए ग्रेड मिला है। आने वाले समय में 50 भवन विहीन महाविद्यालयों को अपने भवन में किया जायेगा। 200 महाविद्यालयों को सर्वसुविधायुक्त बनाया जायेगा। वैश्विक महामारी कोरोना के चलते विश्व विद्यालय स्तर की परीक्षायें समय पर नहीं कराई जा सकी। डिग्री का महत्व बनाये रखने के उद्देश्य से परीक्षा प्रणाली को बदलकर ओपन बुक प्रणाली के माध्यम से परीक्षायें संपन्न कराई हैं। जिसमें छत्रसाल विश्व विद्यालय छतरपुर सागर संभाग में आयोजित परीक्षा में 44 हजार परीक्षार्थी शामिल हुये। परीक्षा प्रणाली में बदलाव को लेकर परीक्षा रिफार्म कमेटी बनाई गई है। ओपन बुक प्रणाली में भी प्रश्न पत्रों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रखा गया। परम्परागत परीक्षा प्रणाली के विकल्प तलाशे जा रहे हैं। नई शिक्षा नीति को लेकर प्रदेश के 52 जिलों में से 28 जिलों में शासकीय महाविद्यालयों के प्रार्चायों से सीधी बात कर संवाद कर चुके हैं।
सं नाग
वार्ता
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