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इंदौर में आज स्वेच्छिक बन्द का असर न के बराबर रहा

इंदौर, 26 सितंबर (वार्ता) मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में व्यापारिक-व्यावसायिक संगठनों और शासन के बीच शनिवार-रविवार को स्वेच्छिक बन्द की बनी सहमति के बाद आज शहर में बंद का असर न के बराबर रहा।
आधिकारिक जानकारी के अनुसार इंदौर में कोरोना महामारी के प्रतिदिन बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर स्वेच्छिक बन्द के प्रयास शुरू किए गए थे। इसी के चलते बीते सोमवार को जिला कलेक्टर मनीष सिंह के साथ जिले के प्रमुख 20 संगठनों के प्रतिनिधियों ने प्रति शनिवार-रविवार आर्थिक गतिविधियों को स्वेच्छिक बन्द रखने पर सहमति दी थी। जिसके बाद आज बन्द का आव्हान किया गया था।
अलग अलग व्यापारिक संघो के प्रतिनिधियों से मिली जानकारी के अनुसार सोने-चांदी के क्रय-विक्रय का मुख्य बाजार सराफा, नंदानगर में कारोबार चालू रहा। किराने का मुख्य बाजार सियागंज में जरूर कुछ दुकाने बन्द रही, लेकिन यहां भी ज्यादातर बाजार खुला रहा।
दवा बाजार, लोहा मंडी, एमटीएच मार्किट (इलेक्ट्रानिक बाजार) क्लॉथ मार्किट, राजवाड़ा में भी कारोबार जारी रहा।
मंडी टेक्स वृद्धि के विरोध में अनाज और फल सब्जी व्यापारी दो दिनों से हड़ताल पर है। मालवा चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अजीत नारंग, नंदानगर सराफा संघ के विनय सोनी और दवा बाजार संघ के विनय बाकलीवाल ने एकमत कहा कि हमारे संघ के सदस्य व्यापारी-व्यवसायी ने इस स्वेच्छिक बन्द के समर्थन से इंकार कर दिया है। ज्यादातर संघो ने शहर में आयोजित राजनीतिक-धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। इनका कहना है कोरोना फैलने का खतरा भीड़ से होता है।
उधर जिले में कोविड़-19 के रोगियों की संख्या वर्तमान में औसतन प्रतिदिन 400 से ज्यादा दर्ज की जा रही है। जिले में एक्टिव केस की संख्या भी 3900 से ज्यादा है। जिले में कोरोना से 538 लोगों की मौत दर्ज की जा चुकी है।
जितेंद्र बघेल
वार्ता
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