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‘खेलबो-जीतबो , गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की परिकल्पना खेल के मैदानों पर हुई साकार

रायपुर 16 अक्टूबर (वार्ता) ‘गढ़बो नवा छत्तीसगढ़’ की परिकल्पना के छत्तीसगढ़ में खेल के मैदानों पर साकार होने के खेलों के विकास के कई नये अध्याय जुड़े हैं।
छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद पहली बार राजधानी रायपुर में आवासीय हॉकी अकादमी तथा राज्य के दूसरे बड़े शहर बिलासपुर के बहतराई में एथलेटिक, कुश्ती और तैराकी के लिए ’एक्सिलेंस सेन्टर’ को भारतीय खेल प्राधिकरण से मंजूरी मिल गयी है। रायपुर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के दो सर्वसुविधायुक्त हॉकी स्टेडियम पहले ही निर्मित किए जा चुके हैं। वर्तमान में रायपुर में तीरंदाजी का प्रशिक्षण खिलाडि़यों को दिया जा रहा है। ’वन स्टेट वन गेम’ के तहत रायपुर में तीरंदाजी खेल के विकास की प्रक्रिया जारी है।
रायपुर में आवासीय हॉकी अकादमी तथा बिलासपुर में एथलेटिक, कुश्ती एवं तैराकी के लिए ’एक्सिलेंस सेन्टर’ की मान्यता मिलने पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और खेल मंत्री उमेश पटेल ने युवा खिलाडि़यों, खेल प्रशिक्षकों और राज्य के खेल और युवा कल्याण विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। मुख्यमंत्री इस वर्ष युवा महोत्सव के शुभारंभ के अवसर पर युवाओं को ‘खेलबो-जीतबो-गढ़बो नवा छत्तीसगढ़‘ का नया नारा देकर उन्हें खेलों के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया था।
छत्तीसगढ़ में उपलब्ध खेल अधोसंरचनाओं के रख रखाव तथा आवासीय खेल अकादमियों के संचालन हेतु मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ खेल विकास प्राधिकरण का गठन किया है। प्राधिकरण के माध्यम से राज्य भर में खेलों का विकास किया जा रहा है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग रायपुर में प्रारंभ होने वाले आवासीय हॉकी अकादमी के लिए चयन कार्यक्रम की योजना तैयार कर रहा है। आवासीय अकादमी हेतु चयनित प्रशिक्षणार्थी खिलाड़ियों को छात्रावास, विद्यालय, किट, भोजन एवं आवासीय अकादमी से संबंधित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
बिलासपुर के बहतराई बिलासपुर में प्रारंभ होने वाले एक्सिलेंस सेन्टर के लिए प्रारंभिक रुप से तीन खेलों एथलेटिक, तैराकी तथा कुश्ती का चयन किया गया है। खेल एवं युवा कल्याण विभाग द्वारा प्रदेश भर में प्रशिक्षकों के नए पदों के सृजन की प्रक्रिया जारी है।
टंडन
वार्ता
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