राज्य » मध्य प्रदेश / छत्तीसगढ़Posted at: Oct 22 2020 5:35PM सहकारी क्षेत्र में यूरिया एवं डीएपी की पर्याप्त उपलब्धता: भदौरियाभोपाल, 22 अक्टूबर (वार्ता) मध्यप्रदेश के सहकारिता मंत्री अरविन्द सिंह भदौरिया ने कहा है कि प्रदेश में सहकारी क्षेत्र के वितरण केन्द्रों में यूरिया एवं डीएपी की पर्याप्त उपलब्धता है।आधिकारिक जानकारी में श्री भदौरिया ने बताया कि आज की स्थिति में वितरण/ भंडारण केन्द्रों में 2.21 लाख मीट्रिक टन उर्वरक किसानों को विक्रय के लिये उपलब्ध है। जिसमें 75 हजार टन यूरिया तथा 1.16 लाख टन डीएपी उर्वरक शामिल है। उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त दिन प्रतिदिन उर्वरक निर्माताओं से रैक के माध्यम से सहकारिता क्षेत्र में यूरिया, डीएपी तथा अन्य रासायनिक उर्वरकों की आवक लगातार जारी है।सहकारिता मंत्री ने बताया कि प्रदेश में सहकारिता क्षेत्र के माध्यम से गत वर्ष में एक अक्टूबर 2019 से 21 अक्टूबर 2019 तक यूरिया, डीएपी व अन्य रासायनिक उर्वरक सहित कुल मिलाकर 1.19 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का वितरण किया गया था, जबकि चालू वर्ष में उक्त अवधि में 2.25 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का विक्रय किया जा चुका है, जो कि गत वर्ष की तुलना में लगभग दो गुना है।श्री भदौरिया ने बताया कि वर्ष 2018-19 में रबी मौसम में एक अक्टूबर से 21 अक्टूबर की अवधि में 51 हजार 940 मीट्रिक टन, वर्ष 2019-20 में एक लाख 11 हजार 822 मीट्रिक टन तथा वर्ष 2020-2021 में एक लाख 37 हजार 828 मीट्रिक टन यूरिया का वितरण किया गया है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार गत वर्ष की तुलना में चालू रबी मौसम में 23.26 प्रतिशत अधिक यूरिया का वितरण किया गया है।उन्होंने बताया कि सहकारी क्षेत्र के सभी वितरण केन्द्रों पर पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध है तथा किसानों को उनकी आवश्यकतानुसार यूरिया का वितरण किया जा रहा है। इसी प्रकार वर्ष 2018-19 में रबी मौसम में एक अक्टूबर से 21 अक्टूबर की अवधि में 70 हजार 572 मीट्रिक टन, वर्ष 2019-20 में 51 हजार 552 मीट्रिक टन तथा वर्ष 2020-21 में 83 हजार 171 मीट्रिक टन डी.ए.पी. का वितरण किया गया है। इस प्रकार प्रदेश में गत वर्ष की तुलना में 61.33 प्रतिशत अधिक डीएपी का वितरण किया गया है।उन्होंने बताया कि चूँकि यूरिया व डी.ए.पी. पर भारत शासन द्वारा अनुदान की सुविधा है इसलिये किसानों से प्रमाण स्वरूप एक दस्तावेज लिया जाता है। वितरण केन्द्रों पर किसानों को उर्वरकों का सुविधापूर्वक वितरण हो सके, इसलिये व्यवस्था स्वरूप पंक्ति में खड़ा किया जाता है।बघेल वार्ता